पिछले कुछ सालों में फिल्म इंडस्ट्री में इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर शब्द की काफी चर्चा हुई है। क्या आप जानते हैं कि इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर की फिल्मों में क्या भूमिका होती है? इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर पर्दे के पीछे क्या करते हैं?
पिछले कुछ सालों में वेब सीरीज और फिल्मों में काफी इंटिमेट और बोल्ड सीन देखने को मिलते हैं। ऐसे सीन करते वक्त फिल्म में काम कर रहे एक्टर और एक्ट्रेस इंटिमेट सीन को बिना परेशानी के कर सकें इसलिए इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर को हायर किया जाता है। इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर मूल रूप से यह बताते हैं कि किसी इंटिमेट या बोल्ड सीन को फिल्म में किस तरह किया जाए ताकि इससे फिल्मी कलाकारों को किसी तरीके की परेशानी ना हो और सीन भी अच्छे ढंग से शूट हो जाए।
इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर शब्द तब भी चर्चा में आया था जब आस्था खन्ना भारत की सबसे पहली सर्टिफाइड इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर बनी थीं।
जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट
हाल ही में जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट के बाद मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ होने वाले शारीरिक उत्पीड़न या यौन शोषण की बहुत सारी बातें सामने आई हैं। हेमा कमेटी की रिपोर्ट के बाद फिल्मों के सेट पर महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं, इसे लेकर भी फिल्म इंडस्ट्री में एक नई बहस खड़ी हुई है। इससे पहले साल 2018 में भी #MeToo मूवमेंट के वक्त बहुत सारी महिलाओं ने मीडिया इंडस्ट्री में उनके साथ हुए यौन शोषण या उत्पीड़न की घटनाओं को बयां किया था।
पिछले दो हफ्तों में इंडियन एक्सप्रेस ने फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहीं कई महिलाओं से बात की। इनमें एक्ट्रेस, प्रोड्यूसर्स, असिस्टेंट आदि शामिल हैं। इसके जरिए यह जानने की कोशिश की गई कि क्या हिंदी फिल्मों के सेट अब उनके लिए सेफ हैं और ऐसा क्या किया जाना चाहिए जिससे हिंदी फिल्म के सेट पर वह खुद को सेफ महसूस कर सकें।
एक फिल्म एग्जीक्यूटिव जिन्होंने #MeToo के बाद कई फिल्मों के सेट पर काम किया है, वह कहती हैं कि अब लोग खुलेआम ऐसा नहीं करते। फिल्म इंडस्ट्री में एक सोर्स का कहना है कि हालांकि यहां किसी को जेल जाने को लेकर कोई चिंता नहीं है और ऐसा सिर्फ उनकी छवि को होने वाले नुकसान के डर की वजह से है।
एक पॉपुलर एक्ट्रेस जो एक बड़े ओटीटी शो से चर्चा में आईं, उन्होंने बताया कि वह अक्सर कास्टिंग डायरेक्टर्स को यह कहते हुए सुनती हैं कि उन्होंने अब अपने ऑफिस के केबिन में सीसीटीवी कैमरे लगवा लिए हैं। वह बताती हैं कि ताकतवर लोग अब काफी चालाक हो गए हैं इसलिए वे इस तरह बात करते हैं, ‘मेरे पास तुम्हारे लिए एक अच्छा रोल है, एक अच्छा प्रोजेक्ट है तो क्या हम मिल सकते हैं’।
इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर की कमी को लेकर जताई चिंता
बातचीत के दौरान कम से कम दो एक्ट्रेस ने इस बात को लेकर चिंता जताई कि अब फिल्मों के सेट पर इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर की कमी दिखाई देती है। कई लोगों ने कहा कि बड़े बैनर की फिल्मों के लिए इंडस्ट्री में ऐसा नियम बन गया है कि इंटिमेसी डायरेक्टर को रखा जाना चाहिए जबकि छोटे बैनर की फिल्मों को लेकर इस मामले में कुछ साफ नहीं है।
ऐसी ही एक एक्ट्रेस ने बातचीत में अपना नाम न जाहिर करने पर बताया कि वह एक शूट से आ रही थीं, जहां उन्हें कई घंटे तक इंटिमेट सीन करना पड़ा और इस वजह से वह दिमागी रूप से भारीपन महसूस कर रही थीं।
‘आर्ट’ के नाम पर इंटिमेट सीन किए जाते हैं शूट
वह कहती हैं कि कई बार ‘आर्ट’ के नाम पर इंटिमेट और सेक्सुअल सीन की शूटिंग की जाती है। यह फिल्म वालों के लिए ‘आर्ट’ का हिस्सा होता है लेकिन यह खतरनाक होता है क्योंकि इसके जरिए वे अपनी यौन कुंठा निकालते हैं। हमारे कॉन्ट्रैक्ट में यह लिखा होता है कि न्यूडिटी होगी लेकिन इसे ‘आर्टिस्टिकली’ किया जाएगा। ऐसा उन प्रोजेक्ट में होता है, जहां पर निर्देशक आपसे कहते हैं कि हम फाइनल एडिट में इसे इस्तेमाल नहीं करेंगे। अभिनेत्री पूछती हैं कि फिर आप इसे शूट क्यों करेंगे?
वह कहती हैं कि वे इंटिमेट सीन की शूटिंग का तरीका बदल देते हैं और इसे ट्विस्ट दे देते हैं। यह बेहद खराब है क्योंकि आप ऐसी स्थिति में होते हैं, जब आप अपनी बात तभी रख सकते हैं जब आपके पास ताकत हो और या आप ज्यादा कमजोर ना हों क्योंकि अगर आप उस वक्त इंटिमेट सीन को लेकर ना कहेंगी तो यह कहा जाएगा कि आप मुसीबत खड़ी कर रही हैं और ‘आर्ट’ को नहीं समझतीं।
उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी फिल्मों और ओटीटी के सेट पर हमेशा कोई इंटिमेसी कोच, एक्टिंग कोच या थैरेपिस्ट नहीं होता है जबकि बड़े प्रोजेक्ट और सीन के लिए प्रोडक्शन को थैरेपिस्ट हायर करना चाहिए।
‘इंटिमेट सीन करना होता है काफी रिस्की’
एक अन्य अभिनेत्री ने बताया कि अगर फिल्म के सेट पर टीम का व्यवहार ठीक ना हो तो इंटिमेट सीन करना काफी रिस्की हो सकता है। उन्होंने एक इंटिमेट सीन को याद करते हुए बताया कि शूटिंग के दौरान उनके को-एक्टर इस बात पर जोर दे रहे थे कि दोनों को ‘बॉन्ड’ करना चाहिए जिससे एक अच्छी केमिस्ट्री पर्दे पर आ सके।
अभिनेत्री ने बताया कि यह एक आउटडोर शूट था और वह फिल्मों में नई-नई आई थीं इसलिए उनके अंदर वैसा कॉन्फिडेंस भी नहीं था। वह बताती हैं कि ‘रिहर्सल’ और ‘बॉन्डिंग’ के बहाने मैंने इस बात को महसूस किया कि एक्टर इसका फायदा उठा रहे थे। मैंने उन्हें रोका और कहा कि हम सभी रिहर्सल निर्देशक के सामने करेंगे क्योंकि हमें कोई देखने वाला होना चाहिए और बताने वाला भी होना चाहिए कि क्या हम सही कर रहे हैं।
अभिनेत्री कहती हैं कि इंटिमेट सीन करने के दौरान इस तरह की स्थितियों में आपको यह पता नहीं होता कि कौन आपका फायदा उठा रहा है, यह आपका साथी अभिनेता भी हो सकता है या निर्देशक खुद भी।
महिलाओं के लिए जोखिम भरे होते हैं आउटडोर शूट्स
इंडियन एक्सप्रेस ने जिस भी एक्ट्रेस और क्रू के सदस्यों से बात की उन्होंने बताया कि आउटडोर शूट्स महिलाओं के लिए काफी जोखिम भरे होते हैं क्योंकि ज्यादातर डरावनी कहानियां वहीं से सामने आती हैं। एक मशहूर फिल्म में निर्देशक जो करीब दो दशक से फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं उन्होंने बताया कि लंबे आउटडोर शूटिंग करना वाकई एक बड़ी समस्या है।
वह बताते हैं कि एक बार जब वह लंदन में शूटिंग कर रहे थे तो एक ब्रिटिश लड़की ने उन्हें बताया कि वह 15 से ज्यादा इंटरनेशनल प्रोडक्शंस में काम कर चुकी हैं लेकिन इंडियन क्रू में शामिल लोग सबसे बदतमीज होते हैं क्योंकि उनके गोरी महिलाओं को लेकर कुछ अलग विचार होते हैं और वे सोचते हैं कि गोरी महिलाएं को आसानी से अप्रोच किया जा सकता है, ऐसे में महिलाएं उनके साथ ज्यादा असुरक्षित महसूस करती हैं।
