तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन) ने एक मार्च को अपना 71वां जन्मदिन मनाया। DMK (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) प्रमुख एमके स्टालिन तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि के तीसरे बेटे हैं।
स्टालिन ने अपनी आत्मकथा ‘One Among You: The Autobiography of MK Stalin’ में बताया है कि साल 1953 में उनके जन्म के पांच माह के भीतर ही उनके पिता को गिरफ्तार कर लिया गया था। वह मानते हैं कि उनका जन्म एक नेता के बेटे के रूप में हुआ, इसलिए वह अपने पिता को “अप्पा” कहने के बजाय, “थलाइवर” से कहना पसंद करते हैं।
बचपन में निगल लिया था हुक
स्टालिन जब बच्चे थे तो कवि करुणानंदम ने उन्हें उनके नाम का मतलब बताया करते थे। स्टालिन को करुणानंदम से पता चला था कि उनके नाम का मतलब ‘लोहे जैसा मजबूत इंसान’ होता है। करुणानंदम एक क्रांतिकारी विचारों वाले कवि थे, उन्होंने पेरियार के सचिव के रूप में कार्य किया था और डीएमके को सत्ता मिलने पर सरकार में महत्वपूर्ण पद पर रहे थे।
अपने बचपन का एक किस्सा बताते हुए स्टालिन लिखते हैं, “बचपन में मैंने एक हुक निगल लिया था। वह हुक नुकीला था। मेरा पूरा परिवार डर गया था। मुझे फल और दवा खिलाकर उसे मेरे पेट से बाहर निकाला गया था। उस समय कवि करुणानंदम ने कहा था कि स्टालिन की तरह मैं भी एक लौह पुरुष हूं।”
स्टालिन नाम कैसे पड़ा?
करुणानिधि अपने तीसरे बेटे का नाम अय्यादुरई रखना चाहते थे। स्टालिन ने लिखा है, “1 मार्च, 1953 को मेरा जन्म चेन्नई के थेयागराय नगर में गिरि रोड पर मरुदनायगम अस्पताल में हुआ था। थलाइवर ने अपने सबसे बड़े बेटे का नाम मेरे दादा मुथुवेलर के नाम पर मुथु रखा। उन्होंने अपने दूसरे बेटे का नाम अलागिरी रखा। यह द्रविड़ आंदोलन के निडर प्रचारक व प्रखर वक्ता अलागिरी की याद को जिंदा रखने का उनका तरीका था। मैं उनकी तीसरी संतान था, उसके बाद मेरी बहन सेल्वी और मेरा सबसे छोटा भाई तमिझारसु थे। थलाइवर मेरा नाम अय्यादुरई रखना चाहते थे। वह चाहते थे कि मेरा नाम अय्या थानथई पेरियार से “अय्या” और पेरारिगनर अन्नादुराई से “दुरई” रखा जाए।”
वह आगे लिखते हैं, “हालांकि, यह वह समय था जब आधुनिक सोवियत संघ को आकार देने वाले और नाजी शासन के खिलाफ युद्ध का सफलतापूर्वक नेतृत्व करने वाले लौह पुरुष जोसेफ स्टालिन की मृत्यु हो गई। चेन्नई के मरीना बीच पर जोसेफ स्टालिन के लिए शोक सभा हुई। उस बैठक में मेरे पिता ने घोषणा की कि वह अपने बेटे का नाम स्टालिन रख रहे हैं। मुझे एक सार्वजनिक बैठक में नाम मिला, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया था।”