Rao Inderjit Singh Haryana CM Candidate: विधानसभा चुनाव के नतीजों ने हरियाणा में बीजेपी के नेताओं को झूमने का मौका दे दिया है। विपरीत हालत में भी पार्टी ने अपने दम पर बहुमत हासिल कर लिया है। हरियाणा की 90 सीटों में से बीजेपी ने 48 सीटों पर जीत हासिल की है लेकिन इसके साथ ही नया मुख्यमंत्री कौन होगा, इसके लिए पार्टी में सुगबुगाहट शुरू हो गई है। याद दिलाना होगा कि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव का ऐलान होने से पहले ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को अपना चेहरा घोषित कर दिया था।
अब जब पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिल गया है तो यह माना जा रहा है कि सैनी ही एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन इसके बीच अहीरवाल यानी दक्षिण हरियाणा के बड़े नेता और केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने दक्षिण हरियाणा को तवज्जो देने की बात कही है।
न्यूज चैनल आज तक की ओर से पूछे गए इस सवाल के जवाब में कि क्या मुख्यमंत्री की कुर्सी दक्षिण हरियाणा को मिलेगी? राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि इस बारे में फैसला पार्टी को लेना होगा लेकिन जिस इलाके ने तीन बार बीजेपी को हरियाणा की सत्ता में बैठाया है, उसकी तरफ बीजेपी को भी तवज्जो देनी चाहिए। राव इंद्रजीत सिंह का यह बयान इस ओर इशारा करता है कि वह भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं।
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राव इंद्रजीत सिंह मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा को पहले कई बार खुलकर जाहिर कर चुके हैं। उनके समर्थकों की मांग है कि राव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।
अनिल विज ने भी जताई दावेदारी
बीजेपी में मुख्यमंत्री पद के एक और दावेदार अंबाला कैंट सीट से चुनाव जीते अनिल विज हैं। विज ने विधानसभा चुनाव के दौरान यह कहकर सनसनी पैदा कर दी थी कि अगली मुलाकात अब सीएम आवास पर ही होगी। अनिल विज सात बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं और बीजेपी की सरकार में गृह मंत्री भी रहे हैं।
राव इंद्रजीत सिंह इस बार अपने अधिकतर समर्थकों को टिकट दिलाने में कामयाब रहे थे। उनकी बेटी आरती सिंह राव ने भी अहीरवाल की रेवाड़ी सीट से जीत दर्ज की है। यह जानना जरूरी होगा कि राव इंद्रजीत सिंह कौन हैं और अहीरवाल में कौन सी विधानसभा सीटें आती हैं।
अहीरवाल में गुरुग्राम, बादशाहपुर, सोहना, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, पटौदी, नारनौल, नांगल चौधरी, बावल, कोसली और अटेली विधानसभा सीटें आती हैं। इस इलाके को अहीरवाल इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां यादव मतदाताओं की अच्छी संख्या है।
बड़े कद के नेता हैं राव इंद्रजीत सिंह
राव इंद्रजीत सिंह अहीरवाल क्षेत्र के 19वीं सदी के राजा राव तुला राम के वंशज हैं। राव इंद्रजीत सिंह छह बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। वह चार बार गुरुग्राम से और दो बार भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से चुनाव जीते हैं। 2014 से पहले वह कांग्रेस में थे और यूपीए की सरकार में विदेश और रक्षा राज्य मंत्री रहे थे। राव इंद्रजीत सिंह हरियाणा में चार बार विधायक और कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं। राव के पिता राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा के दूसरे मुख्यमंत्री रहे थे।
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद जब राव इंद्रजीत सिंह को मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया था तो उन्होंने इसे लेकर नाखुशी जाहिर की थी। राव ने कहा था कि वह भारत के इतिहास में अकेले ऐसे नेता हैं जो पांच बार राज्य मंत्री की कुर्सी संभाल चुका है।
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राव के समर्थकों के अलावा हरियाणा में यादव सभा ने मांग उठाई थी कि राव इंद्रजीत सिंह को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। राव दक्षिण हरियाणा में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे हैं और वह कई बार दक्षिण हरियाणा के हक की आवाज उठा चुके हैं।
कांग्रेस को गुटबाजी से हुआ नुकसान
यह माना जा रहा है कि कांग्रेस को हरियाणा के विधानसभा चुनाव में अपने नेताओं की लड़ाई की वजह से नुकसान हुआ है। कांग्रेस की सरकार बनने की सूरत में पहला बड़ा नाम पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का था। सिरसा से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा भी हरियाणा के मुख्यमंत्री पद के लिए कई बार दावेदारी जता चुकी थीं। नेताओं की इस लड़ाई की वजह से पार्टी माहौल पक्ष में होने के बाद भी बहुमत से दूर रह गई।
हरियाणा में बीजेपी के पास कई बड़े नेता हैं लेकिन पार्टी नेतृत्व ने नेताओं के बीच किसी तरह के विवाद से बचने के लिए सैनी को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया था। इसलिए भले ही अनिल विज या राव इंद्रजीत सिंह मुख्यमंत्री पद के लिए अपना दावा पेश करें लेकिन यह लगभग तय है कि बीजेपी एक बार फिर सैनी के सिर पर ही मुख्यमंत्री का ताज रखेगी।