पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्‍या की गुत्‍थी अभी अनसुलझी ही है। इस बीच, सरकार ने इस हत्‍या के मास्‍टरमाइंड कहे जाने वाले गैंगस्‍टर गोल्‍डी बरार पर श‍िकंजा सख्‍त क‍िया है। बरार को व‍िध‍ि व‍िरुद्ध क्र‍िया-कलाप (न‍िवारण) अध‍िन‍ियम या Unlawful Activities (Prevention) Act (UAPA) के तहत आतंकी करार द‍िया गया है। नए साल के पहले द‍िन (1 जनवरी, 2024) सरकार ने यह फैसला ल‍िया।

मूसेवाला की हत्‍या 29 मई, 2022 को हुई थी। उस शाम वह मौसी के घर जाने की बात कह कर न‍िकले थे। उनके साथ दो लोग और थे। एक था चचेरा भाई गुरव‍िंदर और दूसरा दोस्‍त गुरप्रीत। तीनों ‘मह‍िंंद्रा थार’ गाड़ी से गए थे। और, गार्ड भी साथ नहीं ले गए थे।

मां के द‍िल में बैठ गया था डर

मां को अनहोनी की आशंका डरा रही थी। मां चरण कौर उन्‍हें ‘फॉरच्‍यूनर’ गाड़ी में जाने के ल‍िए कह रही थीं। बता दें क‍ि मूसेवाला ने करीब 22 लाख रुपए खर्च कर इस गाड़ी को बुलेटप्रूफ बनवा रखा था। मां के बार-बार कहने पर भी मूसेवाला थार में सवार होकर ब‍िना गार्ड के ही न‍िकल गए थे।

मूसेवाला को गैंगस्‍टर्स की धमक‍ियां पहले से ही म‍िल रही थीं। सरकार ने उन्‍हें चार गार्ड भी मुहैया कराए थे, लेक‍िन कत्‍ल से एक द‍िन पहले ही दो वापस ले ल‍िए थे। कत्‍ल वाले द‍िन एक गार्ड को बुखार था और एक को मूसेवाला ने ही साथ चलने से मना कर द‍िया था। उन्‍होंने अपने साथ लाइसेंसी प्‍वाइंट 455 बोर इथाका र‍िवॉल्‍वर जरूर रखा था।

क‍िताब मूसेवाला का कात‍िल कौन में दर्ज दास्‍तान

मूसेवाला की उस आख‍िरी शाम और आख‍िरी वक्‍त की कहानी जुपिंदरजीत सिंह ने अपनी क‍िताब मूसेवाला का कात‍िल कौन (प्रकाशक- वेस्‍टलैंड बुक्‍स) में बयां की है।

थार की ड्राइव‍िंंग सीट पर खुद मूसेवाला बैठे थे। बगल में गुरव‍िंंदर और पीछे गुरप्रीत बैठे थे। उन्‍हें बस आठ क‍िलोमीटर दूर मौसी के गांव खारा बरनाला जाना था। शाम सवा पांच बजे वे घर से न‍िकले थे।

हवेली से न‍िकलते ही प्रशंसकों को देख मूसेवाला ने गाड़ी धीमी कर दी थी। लोग गाड़ी को घेर कर खड़े थे। कोई मूसेवाला से हाथ म‍िला रहा था, कोई सेल्‍फी ले रहा था। उसी भीड़ में दो लोग थे, ज‍िन्‍होंने मूसेवाला के साथ सेल्‍फी ख‍िंंचवाई थी। बाद में पता चला क‍ि वे मूसेवाला के आम प्रशंसक नहीं थे। वे स‍िग्‍नल ऐप के जर‍िए वहां का वीड‍ियो क‍िसी को भेज रहे थे।

घर के पास से ही हत्‍यारों ने ब‍िछा रखा था जाल

बाद में पुल‍िस जांच से पता चला क‍ि वे दोनों केकड़ा और न‍िक्‍कू थे। न‍िक्‍कू ने मूसेवाला के साथ सेल्‍फी तो ली ही थी, उस दौरान पूरा वीड‍ियो बना ल‍िया था। उसने यह वीड‍ियो क‍िसी को भेजा था और फ‍िर फोन ऐसे बर्बाद क‍िया क‍ि पुल‍िस भी नहीं खोज सकी।

मूसेवाला की मौसी का घर जब महज दो क‍िलोमीटर दूर रहा गया था तो गुरव‍िंंदर ने एक बोलेरो गाड़ी को अपने पीछे आते देखा। उसे गड़बड़ लगा। पर मूसेवाला ने यह कह कर बात हवा में उड़ा दी क‍ि कोई फैन होगा। लेक‍िन, गुरव‍िंंदर के माथे पर चिंंता की लकीरें थीं और उसे यकीन था क‍ि बोलेरो सवार उनका ही पीछा कर रहा है। उसने बोलेरो के पीछे एक कोरोला कार को भी देखा।

गुरप्रीत ने कहा क‍ि थार को गांव के बाहरी सड़क की ओर ले जाने के बजाय गांव के अंदर की ओर मोड़ ल‍िया जाए। मुड़ते समय जैसे ही थार की रफ्तार थोड़ी कम हुई, कोरोला कार ने बोलेरो को ओवरटेक क‍िया और मूसेवाला की थार से सटा द‍िया और थार को रुकने के ल‍िए मजबूर कर द‍िया।

जब चलने लगीं ताबड़तोड़ गोल‍ियां

यह समझ आता क‍ि कार में फैन नहीं, बल्‍क‍ि कोई और है, इससे पहले ही कोरोला में सवार हमलावर ताबड़तोड़ गोल‍ियां चलाने लगे। कोरोला में ड्राइव‍िंंग सीट की बगल में बैठा शूटर असॉल्‍ट राइफल न‍िकाल कर अपनी सीट पर से ही गोल‍ियां चला रहा था। मूसेवाला ने भी अपनी सीट के पास रखी राइफल उठाई और पांच राउंउ जवाबी फायर‍िंंग की। पर हमलावरों को एक भी गोली नहीं लगी।

इस बीच, हमलावर कार से बाहर न‍िकल गया था और उसकी असॉल्‍ट राइफल गोल‍ियां बरसाती ही जा रही थी। थार की व‍िंंडस्‍क्रीन और टायर्स पर भी कई गोल‍ियां लगीं। न‍िहत्‍थे गुरव‍िंंदर और गुरप्रीत नीचे दुबक गए थे। उधर, कोरोला के पीछे रुकी बोलेरो में से भी हमलावर न‍िकल गए थे और गोल‍ियां बरसा रहे थे। एक हमलावर तो दोनों हाथों में बंदूक थाम कर गोल‍ियां दागे जा रहा था। ताबड़तोड़ गोल‍ियां बरसाने के बाद कोरोला के ड्राइवर ने गाड़ी बैक की और सारे हमलावर भाग गए।

राहगीर की कार छीन भागे कात‍िल

उधर, सड़क के एक क‍िनारे पर भी हमलावरों के दो साथी डटे हुए थे। वे अपने साथ‍ियों का इंतजार कर रहे थे। उन्‍होंने अपने पास से गुजरती एक ऑल्‍टो कार को रोका और उसमें बैठे लोगों को हथ‍ियार द‍िखा कर बाहर कर द‍िया। फ‍िर सभी उसी कार में सवार हो गए और कोरोला कार को वहीं छोड़ भाग गए।

बोलेरो में पहुंचे हमलावर भी अपने पहले से तय ठ‍िकाने की ओर रवाना हो चुके थे। उन्‍हें पड़ोसी राज्‍य हर‍ियाणा में मानसा से तीन क‍िलोमीटर दूर सड़क क‍िनारे एक ढाबे पर पहुंचना था। इस बीच, उन्‍होंने अपने पीछे एक पुल‍िस वैन आते देखा तो बोलेरो को कच्‍ची सड़क पर उतार दी। फ‍िर वे रास्‍ता भटक गए। कुछ देर चलने के बाद उन्‍होंने एक जगह बोलेरो छोड़ दी और मक्‍की के खेतों में गायब हो गए।

गोली लगने के 15 म‍िनट बाद तक चलती रही थीं सांसें

हत्‍यारों ने थार पर करीब 30 गोल‍ियां बरसाई थीं। मूसेवाला को सात गोल‍ियां लगी थीं। पहली गोली लगने के 15 म‍िनट बाद ही उनकी मौत हो गई थी। गोल‍ियों, छर्रों और कांच के टुकड़ों से मूसेवाला का शरीर छलनी हो गया था और 19 घाव बन गए थे।