लाइटहाउस जर्नलिज्म को एक सजी हुई ट्रेन का वीडियो मिला। वीडियो में दावा किया गया कि मुस्लिम एक ट्रेन को सजा धजाकर ‘मुस्लिम एक्सप्रेस’ में बदल रहे हैं जो हैदराबाद और पश्चिम बंगाल के बीच चलेगी।

हमने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो भ्रामक है। उर्स-ए-कादिर हलकत्ता शरीफ के लिए ट्रेन को सजाया गया था। दक्षिण मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ये विशेष ट्रेनें हर साल चलती हैं।

क्या वायरल हो रहा है?

ट्विटर यूजर AstroCounselKK ने वायरल वीडियो को अपने प्रोफ़ाइल पर भ्रामक दावे के साथ साझा किया।

इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें।

अन्य यूजर्स भी इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर शेयर कर रहे हैं।

जांच पड़ताल:

हमने अपनी जांच की शुरुआत वायरल वीडियो के स्क्रीनग्रैब से की। हमने स्क्रीनग्रैब को एक के बाद एक रिवर्स इमेज सर्च में डाला।
एक विशेष फ्रेम हमें एक यूट्यूब वीडियो तक ले गया।

फिर हमने वीडियो के शीर्षक के साथ कीवर्ड सर्च किया और हमें यूट्यूब पर एक और वीडियो मिला।

इस वीडियो का टाइटल था: SPECIAL TRAIN FOR URS-E-QUADEER HALKATTA SHAREEF ON 12 AUG FROM HYD RETURN TRAIN ON 14 AUG 10:30 AM

वीडियो 11 महीने पहले अपलोड किया गया था।

ये ट्रेन वायरल वीडियो में दिख रही ट्रेन जैसी ही दिख रही थी। हमें स्पेशल ट्रेन के ऐसे और भी वीडियो मिले।

हमें वायरल दृश्य इसी साल अपलोड किए गए एक वीडियो में भी मिले।

ट्रेन का नंबर ‘13418’ वही था जो वायरल वीडियो में दिख रहा है।

हमें इस वायरल ट्रेन के दृश्य एक यूट्यूब रील भी मिला।

हमने आगे कीवर्ड से सर्च किया। हमें इन विशेष ट्रेनों के लिए दक्षिण मध्य रेलवे की प्रेस विज्ञप्ति मिली।

यह प्रेस विज्ञप्ति 1 अगस्त, 2022 की है। हमें रेलवे द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के बारे में एक रिपोर्ट भी मिली।

पड़ताल के अगले चरण में हमने दक्षिण मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी और सार्वजनिक सूचना अधिकारी राकेश से संपर्क किया। उन्होंने कहा, “यह एक विशेष ट्रेन है जो हैदराबाद और वाडी के बीच चलाई गई थी। हर साल, हसरत ख्वाजा सैयद मोहम्मद बदेशा क़ादरी चिश्ती यामिनी के उर्स-ए-शरीफ के वार्षिक समारोह में आने वाले तीर्थयात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जाती हैं। इस वर्ष 1 से 3 अगस्त 2023 के बीच विशेष ट्रेनों की दो राउंड चलाई गईं।”

निष्कर्ष: उर्स-ए-शरीफ के वार्षिक उत्सव के लिए हैदराबाद से वाडी के बीच चलाई गई विशेष ट्रेनों का वीडियो हाल का बताकर इस दावे के साथ साझा किया जा रहा है कि मुसलमानों ने एक यात्री ट्रेन को ‘मुस्लिम एक्सप्रेस’ में बदल दिया है। वायरल दावा झूठा है।