अंकिता देशकर
लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट मिली। पोस्ट के साथ दावा किया गया जा रहा कि एक लड़का अयोध्या में जुलूस पर फूल फेंक रहा था तभी आयोजकों ने उसकी पिटाई कर दी। हमारी पड़लात में पता चला कि वायरल वीडियो का अयोध्या से कोई संबंध नहीं है। वीडियो हरियाणा के फरीदाबाद की एक घटना का है।
क्या वायरल हो रहा है?
ट्विटर यूजर Shazia Nuzar official ने वायरल वीडियो को अपनी प्रोफाइल पर शेयर कते हुए लिखा है, “आयोध्या में राम मंदिर के कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चे फूल फेंकने पर दलित युवक, जिसका नाम विष्णु पासवान बताया जा रहा है आयोजकों ने जमकर पिटाई किया। क्या यही वह सर्वश्रेष्ठ पांच हजार वर्ष पूरानी संस्कृति है जिसके बारे में कट्टर हिन्दू हमेशा बात करते रहते हैं।”
कई अन्य यूजर भी इसी दावे के साथ वीडियो को शेयर किया है।
कैसे हुई पड़ताल?
हमने InVid टूल में वीडियो अपलोड कर। इससे हमें वीडियो के कई स्क्रीनग्रैब मिल गए। स्क्रीनग्रैब को रिवर्स इमेज सर्च में डालने पर हमें जय प्रकाश शर्मा का एक ट्वीट मिला।
ट्वीट में बताया गया है कि यह घटना गीता महोत्सव के दौरान फ़रीदाबाद की है।
फिर हमने इसे जुड़े कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया। हमें इसके बारे में कई रिपोर्ट्स मिलीं।

रिपोर्ट में बताया गया है: घटना फ़रीदाबाद की है। आरोप है कि एक सरकारी स्कूल के कार्यक्रम के दौरान दो शिक्षकों ने 15 वर्षीय छात्र की जमकर पिटाई की। घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। छात्र के पिता की शिकायत पर शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
विवाद तब शुरू हुआ जब एक शिक्षक पर फूल फेंका गया। शिक्षक का गुस्सा भड़क गया। शरारत के लिए 15 वर्षीय छात्र को ज़िम्मेदार मानते हुए, शिक्षक ने उसकी छाती और पेट पर लात मारना शुरू कर दिया।
हमें घटना की एक वीडियो रिपोर्ट भी मिली।
हमें अयोध्या पुलिस का एक ट्वीट भी मिला जिसमें कहा गया है कि दावा गलत है और अयोध्या में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
निष्कर्ष: वायरल दावा झूठा है। स्कूली लड़के की पिटाई अयोध्या में जुलूस पर फूल फेंकने के कारण आयोजकों द्वारा नहीं की गई है। वीडियो अयोध्या का नहीं है। वीडियो फरीदाबाद का है, जहां स्कूली छात्र की पिटाई के आरोप में दो शिक्षकों पर मामला दर्ज किया गया है।