पीटीआई फैक्ट चेक: सोशल मीडिया पर एबीपी न्यूज चैनल के लोगो वाला एक ग्राफ़िक कार्ड सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल हो रहा है। कथित ग्राफिक में ग्लोबल न्यूज के हवाले से दावा किया गया है कि हिंदू लड़कियों को सिर्फ मुस्लिम लड़कों से ही संतुष्टि मिलती है। यूजर्स का कहना है कि एबीपी न्यूज ने सच में इस ग्राफिक को सांप्रदायिक कैप्शन के साथ शेयर किया है।

पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क की जांच में वायरल दावा फर्जी निकला। जांच में पता चला कि एबीपी न्यूज की ओर से ऐसी कोई सोशल मीडिया पोस्ट नहीं की गई है और न ही इस कैप्शन के साथ उनकी ओर से कोई खबर प्रकाशित की गई है। एबीपी न्यूज ने भी स्पष्ट किया कि वायरल ग्राफिक फर्जी है। यूजर्स एआई की मदद से फर्जी ग्राफिक्स बनाकर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के मकसद से इसे शेयर कर रहे हैं।

दावा :

फेसबुक यूजर अजय अम्बेडकर ने 25 नवंबर को वायरल पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “इसका सबूत है बागेश्वर बाबा की बहन ओर कही बीजेपी नेताओं की बहन बेटिया” पोस्ट का लिंक, आर्काइव लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें। 

जांच पड़ताल:

दावे की सच्चाई जानने के लिए डेस्क ने सबसे पहले वायरल तस्वीर पर लिखे कैप्शन को एबीपी न्यूज की वेबसाइट पर सर्च किया। हमें इस कैप्शन से जुड़ी कोई रिपोर्ट नहीं मिली। हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड की मदद से दावे से जुड़ी खबर ढूंढने की कोशिश की, लेकिन हमें ग्लोबल न्यूज की ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली।

जांच को आगे बढ़ाते हुए डेस्क ने एबीपी न्यूज के सोशल मीडिया हैंडल खंगाला। हमें उनके ‘एक्स’ अकाउंट पर वायरल ग्राफिक से जुड़ा एक स्पष्टीकरण मिला।

एबीपी न्यूज ने वायरल ग्राफिक को फर्जी बताते हुए लिखा, “एबीपी न्यूज के नाम पर सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है यह पोस्ट कार्ड पूरी तरह से फर्जी है। इस तरह की कोई भी पोस्ट एबीपी न्यूज के सोशल मीडिया हैंडल से शेयर नहीं हुई हैं। आपसी सौहार्द बिगाड़ने के उद्देश्य से कुछ असामाजिक तत्व ऐसी पोस्ट शेयर कर रहे हैं।” 

एबीपी न्यूज ने आगे लिखा, “हम ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। आपसे अनुरोध है कि फर्जी खबरों से बचें और सही खबरों के लिए केवल हमारे सोशल मीडिया हैंडल पर ही भरोसा करें।” पोस्ट का लिंक और स्क्रीनशॉट यहां देखें।

जांच के दौरान डेस्क ने नोटिस किया कि एबीपी न्यूज के ग्राफिक का फॉन्ट वायरल ग्राफिक के फॉन्ट से काफी अलग है। एबीपी न्यूज अपने ग्राफिक में ‘बोल्ड फॉन्ट’ का इस्तेमाल करता है। स्पष्ट है कि इस ग्राफिक को एडिट किया गया है।

जांच को आगे बढ़ाते हुए डेस्क ने वायरल ग्राफिक को ‘एआई डिटेक्शन’ टूल्स TrueMedia की मदद से स्कैन किया। जांच में सामने आया कि इस तस्वीर को एआई टूल्स के जरिये तैयार किया गया है। पूरी जानकारी यहां क्लिक कर देखें।

निष्कर्ष: एआई टूल्स की मदद से बनाई गई इस तस्वीर को एबीपी न्यूज ने शेयर नहीं किया है और न ही इस कैप्शन के साथ उनकी वेबसाइट पर कोई खबर प्रकाशित की गई है। हमारी जांच में वायरल दावा फर्जी निकला।

(यह फैक्ट-चेक मूल रूप से पीटीआई फैक्ट चेक द्वारा किया गया है। यहां इसे शक्ति कलेक्टिव के सदस्य के रूप में पेश किया जा रहा है।)

https://bhasha.ptinews.com/fact-detail/2017701