लाइटहाउस जर्नलिज़्म को एक वायरल वीडियो मिला, जिसमें एक व्यक्ति भारत की सड़कों पर एक बाघ को सहलाते हुए दिख रहा था। कई लोगों ने दावा किया कि यह वीडियो मध्य प्रदेश में बाघों की आबादी के लिए पहचाने जाने वाले एक राष्ट्रीय उद्यान का है। कई पोस्ट में यह भी दावा किया गया कि शराबी व्यक्ति ने बाघ को शराब पिलाने की पेशकश की।

जाँच के दौरान, हमने पाया कि यह वीडियो AI-जेनरेटेड (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा बनाया गया) है और यह दावा झूठा है।

क्या है दावा?

इंस्टाग्राम यूजर viraltrollz ने अपनी प्रोफाइल पर विस्तृत दावे के साथ यह वीडियो साझा किया।

अन्य यूजर भी इसी तरह के दावे के साथ यही वीडियो साझा कर रहे हैं।

जाँच पड़ताल:

हमने कीवर्ड सर्च और रिवर्स इमेज सर्च के कीवर्ड्स के साथ जाँच शुरू की।

हमें एक पोस्ट मिली जिसमें स्पष्ट किया गया था कि वीडियो AI-जेनरेटेड है।

हमें एक हिंदी समाचार आउटलेट, ‘द सूत्र‘ पर एक लेख मिला।

लेख में कहा गया था: ‘द सूत्र’ ने पेंच टाइगर रिजर्व के उप निदेशक रजनीश सिंह से इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए संपर्क किया। रजनीश सिंह ने वीडियो को फर्जी बताते हुए कहा कि यह वीडियो पेंच टाइगर रिजर्व की सड़क का नहीं बल्कि किसी और जगह का हो सकता है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी बाघ के साथ ऐसी नहीं हो सकता, जब तक कि वह पालतू न हो। इससे यह स्पष्ट होता है कि वीडियो पूरी तरह से गलत हो सकता है और इसे AI के जरिए भी जेनरेट किया जा सकता है।

हमने इसके बाद वीडियो के की फ्रेम्स को एक AI-डिटेक्शन टूल, wasitai.com के माध्यम से चलाया।

टूल ने बताया: “There is some chance that this image or parts of it, was created by AI.” (कुछ संभावना है कि यह छवि, या इसके कुछ हिस्से, AI द्वारा बनाए गए थे।)

हमने वीडियो को HIVE moderation.com के माध्यम से भी चलाया, जिसने सुझाव दिया कि वीडियो AI-जेनरेटेड था।

निष्कर्ष: मध्य प्रदेश के पेंच में एक शराबी व्यक्ति को बाघ को सहलाते और शराब पेश करते हुए दिखाने वाला वायरल वीडियो AI-जेनरेटेड है। वायरल दावा झूठा है।