अंकिता देशकर
जनसत्ता डॉट कॉम को फेसबुक पर शेयर किया जा रहा एक वीडियो मिला, जिसमें डांसर्स भारतीय शास्त्रीय नृत्य, भरतनाट्यम का प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं।
वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि ये डांसर इंसान नहीं बल्कि चीन में बने रोबोट हैं जो शंघाई के डिज्नीलैंड में परफॉर्मेंस दे रहे हैं। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा झूठा है। भरतनाट्यम डांसर कर रहे हैं, रोबोट नहीं।
क्या हो रहा है वायरल?
फेसबुक यूजर Sreekanth Kalas Sree ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा:
अद्भुत! इस डांस को ध्यान से देखिए। शंघाई के डिज्नीलैंड का डांस। ये दोनों डांसर इंसान नहीं हैं, बल्कि चीन में बने रोबोट हैं। डांस केवल पांच मिनट का है। लेकिन इस डांस को देखने के लिए टिकट खरीदने का वेटिंग टाइम 4 घंटे का है। इस डांस को देखने के लिए टिकट की कीमत 499 युआन है। रोबोट के चेहरे के भाव इतने सटीक हैं, जैसे असली हों।

जांच पड़ताल
जनसत्ता डॉट कॉम ने इनविड टूल के माध्यम से प्राप्त कीफ़्रेम में से एक को गूगल रिवर्स इमेज सर्च पर डाला। यह हमें ‘Indian Raga’ के यूट्यूब चैनल पर ले गया। इस चैनल पर यही वीडियो अपलोड किया गया था।
इस डांस वीडियो के टाइटल में लिखा था: Vahana Alarippu: Bharatanatyam Dance | Best of Indian Classical Dance
वीडियो के विवरण से हमें पता चलता है कि यह डांस सोफिया सालिंगारोस और ईशा पारुपुडी ने किया था।
जांच करने पर पता चला कि ‘Indian Raga’ की स्थापना एमआईटी के एक स्टूडेंट श्रीराम इमानी ने की थी। Indian Raga दुनिया भर के 40 से अधिक शहरों में काम करती है ताकि सर्वश्रेष्ठ उभरती प्रतिभाओं को एक साथ लाया जा सके। Indian Raga 65 देशो में 100 मिलियन से अधिक दर्शकों द्वारा देखे गए 700 से अधिक वीडियो बना चुकी है।
Indian Raga का यूट्यूब चैनल:
हमें सोफिया सालिंगारोस का यूट्यूब चैनल भी मिला, जहां उन्होंने अपने विभिन्न डांस परफॉर्मेंस का वीडियो अपलोड किया है।
निष्कर्ष
वायरल वीडियो में डांसर रोबोट नहीं बल्कि भरतनाट्यम डांसर हैं। वायरल दावे झूठे हैं।