लाइटहाउस जर्नलिज्म के सामने एक वीडियो आया जो कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बड़े पैमाने पर वायरल हो रहा था। कई पोस्ट और फॉरवर्ड्स में दावा किया गया था कि यह क्लिप मध्य प्रदेश की है और इसे ऐसे साझा किया जा रहा था जैसे कि यह बादल फटने की एक वास्तविक घटना हो।

हालांकि, जांच के दौरान हमने पाया कि यह वीडियो न तो मध्य प्रदेश में और न ही कहीं और का था। इसके बजाय, इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स का उपयोग करके बनाया गया था, जिससे यह दावा पूरी तरह से फर्जी साबित होता है।

क्या है दावा?

‘अक्रम रिएक्शन’ नामक एक यूट्यूब चैनल ने वीडियो साझा किया।

अन्य सोशल मीडिया उपयोगकर्ता भी इसी वीडियो को साझा कर रहे हैं।

जांच पड़ताल:

हमने वीडियो से प्राप्त कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च करके जांच शुरू की। वीडियो कई प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड किया गया था।

हमें 5 अगस्त को kandha_odysseys_vines नामक इंस्टाग्राम पेज पर पोस्ट किया गया वीडियो मिला।

कैप्शन में लिखा था, “यह केवल मनोरंजन के उद्देश्य से एआई-जनरेटेड + वीएफएक्स-टच्ड काल्पनिक सामग्री है।”

हमने कीफ्रेम्स को एआई इमेज डिटेक्टर के माध्यम से भी चलाया।

wasitai.com ने सुझाव दिया कि कीफ्रेम एआई का उपयोग करके बनाए गए थे।

हमने वीडियो को HIVE मॉडर्न से भी गुजारा, जिसने भी यह निष्कर्ष निकाला कि वीडियो में एआई-जनरेटेड सामग्री होने की संभावना है।

निष्कर्ष: वायरल वीडियो जिसमें मध्य प्रदेश में बादल फटने का दावा किया गया है, वास्तविक नहीं है। यह वीडियो AI-Generated है।