लाइटहाउस जर्नलिज्म को सोशल मीडिया पर एक अधूरी तारकोल वाली सड़क की तस्वीर मिली, जो खूब शेयर की जा रही है। तस्वीर में दिखाया गया है कि तारकोल की दो पट्टियाँ इस तरह बनाई गई हैं कि सिर्फ़ गाड़ी के टायर ही तारकोल की पट्टी के ऊपर से गुजरेंगे।
पोस्ट में दावा किया गया है कि सड़कों की हालत की यह तस्वीर भारत की है। हालांकि, पड़ताल के दौरान हमने पाया कि वायरल तस्वीर भारत की नहीं बल्कि बुल्गारिया की है।
क्या है दावा?
फेसबुक यूजर Chhotu Juneja Kotra ने भ्रामक दावे के साथ अपने प्रोफ़ाइल पर ये तस्वीर साझा की।
इस पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहाँ देखें।
https://archive.ph/93YsT
अन्य सोशल मीडिया उपयोगकर्ता भी भ्रामक दावे और तस्वीर को साझा कर रहे हैं।
जांच पड़ताल:
हमने वायरल तस्वीर पर रिवर्स इमेज सर्च चलाकर जांच शुरू की।
हमें यह तस्वीर एक बल्गेरियाई लेख में मिली, अनुवाद करने पर पता चला कि लेख का शीर्षक था: “कारों के लिए रेलमार्ग”: “ड्रैगलेवत्सी” में डामरीकरण ने नेटवर्क को उड़ा दिया।
यह लेख 13 अक्टूबर, 2023 को प्रकाशित हुआ था।
लेख में उल्लेख किया गया है (अनुवाद): “नेंको बाल्कन्स्की” सड़क पर, मार्ग के केवल दोनों छोर पर डामर बिछाया गया है, जो वाहन के टायरों के गुजरने के लिए पर्याप्त है। एक स्थानीय निवासी ने कहा कि दो कर्मचारी वहां से गुजर रहे थे और बाल्टी से “रेत” डाल रहे थे।
हमें यह छवि एक Facebook पोस्ट में भी मिली।
यहाँ भी जिस स्थान का उल्लेख किया गया है वह है: बुल्गारिया में सोफिया का ड्रैगालेवत्सी।
हमने यह भी पाया कि यह तस्वीर अन्य बल्गेरियाई मीडिया संगठनों द्वारा भी प्रकाशित की गई थी।
निष्कर्ष: सिर्फ दो पट्टियों से बनी तारकोल सड़क की वायरल तस्वीर भारत की नहीं बल्कि बुल्गारिया के सोफिया के ड्रैगालेवत्सी की है। वायरल दावा भ्रामक है।