सोशल मीडिया पर लोगों के नाम की एक सूची वायरल है। दावा किया जा रहा है कि इस सूची में 17 भारतीयों के नाम हैं जिन्हें शनिवार को हमास के आतंकियों ने इजरायल से अगवा कर लिया है। इनमें से 10 को मार दिया गया है और I.N.D.I.A गठबंधन में से किसी में भी इन अपहृत भारतीयों पर बयान देने की हिम्मत नहीं है। दावा यह भी किया जा रहा हैकि गठबंधन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के उन छात्रों का समर्थन करता है जिन्होंने हमास के समर्थन में मार्च निकाला था। लाइटहाउस जर्नलिज्म ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह सूची भारतीयों की नहीं, बल्कि नेपाली नागरिकों की है।
क्या वायरल हो रहा है?
ट्विटर यूजर Sushil Dwivedi ने वायरल लिस्ट को अपनी वॉल पर शेयर करते हुए लिखा है, “सूत्रों के अनुसार शनिवार को हमास ने इजरायल से 17 भारतीयों का अपहरण कर लिया था। इनमें से 10 को मार दिया गया है। I.N.D.I.A गठबंधन में से किसी में भी इन अपहृत भारतीयों पर बयान देने की हिम्मत नहीं है। वे एएमयू के छात्रों का समर्थन करते हैं, जिन्होंने हमास के समर्थन में मार्च निकाला था।”
अन्य यूजर्स भी वायरल लिस्ट को अपनी-अपनी आईडी पर शेयर कर रहे हैं।
पड़ताल में क्या मिला?
हमने अपनी पड़ताल की शुरुआत खबरों को खंगालने से की। हमने सर्च किया कि क्या भारतीय नागरिकों के अपहरण की कोई खबर, कहीं छपी है। हमें एनडीटीवी पर भारत में इजरायली राजदूत का एक वीडियो मिला जिसमें उन्होंने कहा कि हमास द्वारा किसी भी भारतीय का अपहरण नहीं किया गया है।
हमें इंडिया टुडे पर एक रिपोर्ट भी मिली, जिसमें बताया गया है कि युद्ध के बीच इज़रायल में रहने और काम करने वाले 18,000 भारतीय सुरक्षित हैं और दूतावास के संपर्क में हैं।

फिर हमने सूची में लिखे नामों को खोजना शुरू किया। हमें पता चला कि ये नाम नेपाली नागरिकों के हैं। द काठमांडू पोस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल स्थित नेपाली दूतावास को हमास के हमले में मारे गए 5 नेपाली छात्रों के शव मिले हैं।

हमें इकोनॉमिक टाइम्स पर प्रकाशित एक रिपोर्ट भी मिली, जिसके शीर्षक में ही नेपाली अधिकारी के हवाले से बताया गया है की कम से कम 7 नेपाली घायल है और 17 को हमास ने बंदी बना लिया है।

निष्कर्ष: हमास के आतंकवादियों द्वारा 17 भारतीयों के अपहरण का दावा झूठा है। वायरल लिस्ट को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। सूची में उन नेपाली नागरिकों का नाम है जो मारे गए हैं, घायल हुए हैं या हमास आतंकवादियों द्वारा बंदी बनाए गए हैं।