भारतीय अदालतों में पांच करोड़ से ज्यादा केस लंबित हैं। इस वर्ष एक जुलाई तक सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में 69,766 मामले लंबित थे। ऐसे में जजों पर ज्यादा से ज्यादा मामला निपटाने का दबाव रहता है। हालांकि काम के इस दबाव के बीच में भी भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ किताब पढ़ने और कभी-कभी संगीत सुनने का वक्त निकाल लेते हैं।

सीजेआई बनने के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ पर काम का बोझ बढ़ा है। लेकिन इससे उनकी नीजि जिंदगी ये बदलाव आया है कि अब वह रात में सोने से पहले तीस पेज नहीं पढ़ पाते, दस पन्ना पढ़कर ही सो जाते हैं। द वीक की अंजुली मथाई को दिए एक इंटरव्यू में चंद्रचूड़ ने इस तरह की और भी बहुत सी बातें बताई हैं।

अपने खाली समय में क्या करते हैं जस्टिस चंद्रचूड़?

इस सवाल का जवाब देते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि उन्हें संगीत सुनना पसंद है। वह बचपन की तरह अब भी शास्त्रीय संगीत के ही दीवाने हैं। वह भारतीय और पश्चिमी, दोनों तरह के शास्त्रीय संगीत सुनते हैं। वह कभी-कभी रॉक एंड पॉप भी सुन लेते हैं। इस तरह की संगीत में उनके फेवरेट हैं- बॉब डिलन, डायर स्ट्रेट्स और एडेल।

डीवाई चंद्रचूड़ बताते हैं कि उनके फोन में उनकी बेटियां कुछ गाने डाउनलोड कर देती हैं, जिन्हें वह कोर्ट जाते और वापस आते समय सुनते हैं। डीवाई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी कल्पना दास (Kalpana Das) ने दोनों बच्चियों (माही और प्रियंका) को गोद लिया है। दोनों स्पेशल चाइल्ड हैं।

जस्टिस चंद्रचूड़ मानते हैं कि किस तरह का म्यूजिक सुनना है, यह उस वक्त के मूड पर निर्भर करता है। वह कहते हैं, कभी-कभी मुझे बस कोई अच्छा पियानो सुनने का मन करता है। दरअसल, संगीत को लेकर मेरी प्राथमिकताएं मेरे मूड के साथ बदलती हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि मैं अदालत में किस तरह का काम कर रहा हूं। साथ ही उस विशेष क्षण में मेरे निजी जीवन में क्या चल रहा है। कई बार आप ऐसा संगीत सुनना चाहते हैं जो सुखदायक हो, कई बार जब आप ऐसा संगीत सुनना चाहते हैं जो उत्साहवर्धक हो।”

बता दें कि डीवाई चंद्रचूड़ की संगीत में बचपन से रुचि रही। जस्टिस चंद्रचूड़ के माता-पिता ने शास्त्रीय संगीत की तालीम ली थी। खुद चंद्रचूड़ ने भी बचपन में हारमोनियम और तबला बजाना सीखा था। वह इतना अच्छा तबला बजाने लगे थे कि पिता को डर लगने लगा था कि कहीं उनका बेटा तबला वादक न बन जाए। इस बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए फोटो पर क्लिक करें:

(Express archive photo by Mohan Bane)

किताब पढ़ना भी पसंद

आपने खाली समय पर चर्चा करते हुए चंद्रचूड़ ने बताया कि, “मुझे पढ़ना भी पसंद है। मैं सिर्फ एक किताब पढ़ते-पढ़ते थक जाता हूं। इसलिए मैं एक टाइम पर कई किताबें पढ़ रहा होता हूं। अभी, मेरी बेडसाइड टेबल पर बहुत सी किताबें इकट्ठा हो गई हैं। कल्पना (डीवाई चंद्रचूड़ की पत्नी) मुझे हमेशा चेतावनी देती थी कि अगर मैंने नींद में इसे छुआ तो किताबों का यह पहाड़ मेरे ऊपर गिर जाएगा। मैंने इतिहास और अर्थशास्त्र की बहुत सारी किताबें पढ़ीं। मैं थोड़ी बहुत उर्दू शायरी भी फॉलो कर रहा हूं। मैं इसमें बहुत अच्छा नहीं हूं, लेकिन मुझे इसे पढ़ने में मजा आता है। हालांकि, जब से मैं मुख्य न्यायाधीश बना हूं, मेरे पास पर्याप्त समय नहीं है। पहले मैं एक रात में 30 पेज पढ़ पाता था, अब यह घटकर 10 रह गया है।”