2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजे जब सामने आए थे तो आम लोगों के साथ ही पंजाब की राजनीति के जानकार भी हैरान रह गए थे क्योंकि प्रकाश सिंह बादल जैसे सीनियर नेता को कम पहचाने जाने वाले एक शख्स ने 11 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया था।
इस शख्स का नाम गुरमीत सिंह खुड्डियां है। खुड्डियां इस बार प्रकाश सिंह बादल की बहू हरसिमरत कौर बादल के खिलाफ बठिंडा लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। विधानसभा चुनाव में वह लांबी सीट से जीते थे।
खुड्डियां पंजाब की भगवंत मान सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं।
बताना होगा कि प्रकाश सिंह बादल 11 बार विधायक रहे थे। वह पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री भी रहे थे। इसलिए बठिंडा लोकसभा के नतीजे को लेकर यह सवाल आम है कि सीनियर बादल को हरा देने वाले गुरमीत सिंह खुड्डियां क्या उनकी बहू को भी शिकस्त दे देंगे?

Harsimrat Kaur Badal: लगातार जीत रही हैं हरसिमरत कौर
बठिंडा लोक सभा सीट से पिछले तीन चुनाव से लगातार हरसिमरत कौर बादल शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर चुनावी जीत हासिल कर रही हैं। हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में मंत्री भी रही हैं लेकिन कृषि कानूनों के विरोध में जब अकाली दल ने एनडीए से नाता तोड़ा था तो उन्होंने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
2019 के लोकसभा चुनाव में हरसिमरत कौर बादल ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को हराया था। तब उनकी जीत का अंतर 21 हजार वोटों का रहा था। इसलिए इस बार जब खुड्डियां उनके सामने हैं तो बठिंडा में चुनावी मुकाबला काफी जोरदार माना जा रहा है।
Parampal Kaur Sidhu IAS: बीजेपी की प्रत्याशी हैं परमपाल कौर
कांग्रेस ने यहां से अकाली दल के पूर्व विधायक जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू को टिकट दिया है जबकि बीजेपी ने पंजाब में आईएएस की नौकरी छोड़कर चुनाव मैदान में उतरीं परमपाल कौर सिद्धू को प्रत्याशी बनाया है। परमपाल कौर सिद्धू के ससुर सिकंदर सिंह मलूका बठिंडा जिले में अकाली दल के बड़े चेहरे हैं और अकाली दल की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं।
बठिंडा सीट से सोशल मीडिया में चर्चित एक चेहरा भी चुनाव मैदान में है। गैंगस्टर से नेता बने लक्खा सिढाना शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

Shiromani Akali Dal: अकाली दल का खराब प्रदर्शन
एक वक्त में पंजाब की सियासत में काफी मजबूत रहा शिरोमणि अकाली दल और बादल परिवार इन दिनों खराब हालत से गुजर रहे हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को पंजाब में सिर्फ तीन सीटों पर जीत मिली थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी अकाली दल का प्रदर्शन खराब रहा था और तब उसे सिर्फ 15 सीटों पर ही जीत मिली थी।
2019 के लोकसभा चुनाव में जब बीजेपी और अकाली दल का गठबंधन था तब भी शिरोमणि अकाली दल दो ही सीटें जीत सका था। इस बार काफी कोशिशों के बाद भी उसका बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं हो सका।

2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को पंजाब में प्रचंड बहुमत से जीत मिली थी और अकाली दल का लगभग सूपड़ा साफ हो गया था। पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल काफी मेहनत भी कर रहे हैं लेकिन पिछले चुनावों के नतीजे और कोई मजबूत सहयोगी के ना होने से अकाली दल के लिए आगे की राह मुश्किल दिख रही है।
भले ही अकाली दल पंजाब में सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ रहा हो लेकिन उसका सबसे ज्यादा जोर बठिंडा सीट को जीतने पर है।

2022 Punjab Assembly Election: सभी 9 सीटों पर जीती थी आप
2022 के विधानसभा चुनाव में बठिंडा लोकसभा सीट के अंदर आने वाली नौ विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी को ही जीत मिली थी जबकि किसी और दल का खाता भी नहीं खुल सका था। इस लोकसभा क्षेत्र में आने वाली सीटों के नाम लांबी, भुच्चो मंडी (एससी), बठिंडा शहरी, बठिंडा ग्रामीण (एससी), तलवंडी साबो, मौर, मानसा, सरदूलगढ़ और बुढलाडा (एससी) हैं।
ऐसे में आम आदमी पार्टी यहां मजबूत दिखाई देती है। आम आदमी पार्टी अकाली दल के इस गढ़ को अपने पाले में करने के लिए पूरा जोर लगा रही है।