Benjamin Netanyahu Caesarea House Attack News: इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम की यह कहकर बहुत तारीफ की जाती है कि यह किसी भी बड़े हमले को फेल कर सकता है लेकिन शनिवार को जब प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के घर के पास ड्रोन हमला हुआ तो यह सवाल उठा कि आखिर क्यों इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम ड्रोन हमलों को रोकने में कई बार फेल हो जाता है? हालांकि लेबनान से दागे गए दो अन्य ड्रोन को इजरायल के एयर डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया लेकिन तीसरा ड्रोन एक इमारत से टकराया और इसके बाद जोरदार धमाका हुआ।
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक लेबनान ने उत्तरी इजरायल के Caesarea इलाके में बमबारी की थी और इस दौरान ही एक ड्रोन नेतन्याहू के घर के पास गिरा था।
बताना होगा कि हमास के चीफ याह्या सिनवार की मौत के बाद इजरायल और हमास के बीच चल रही लड़ाई और तेज हो गई है। इजरायल हमास के अलावा लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ भी युद्ध लड़ रहा है। पिछले महीने इजरायल ने लेबनान में अपनी सेना के जरिये जमीनी हमला किया था।
हालांकि इस हमले में नेतन्याहू को किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ लेकिन फिर भी उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल जरूर खड़े हो रहे हैं।
इजरायल ने की जवाबी कार्रवाई
हिजबुल्लाह की तरफ से हुए ड्रोन हमले का इजरायल ने जवाब भी दिया है। इजरायल की सेना ने बेरूत पर बम बरसाए हैं। बेरूत में ईरान समर्थित समूह हिजबुल्लाह के ठिकानों पर इजरायली सेना की तरफ से जवाबी बमबारी की गयी है। हमले के बाद नेतन्याहू ने कहा था कि ईरान के जिन एजेंट्स ने उनकी और उनकी पत्नी की हत्या करने की कोशिश की है उन्होंने गलती की है और जो कोई भी इजरायल के लोगों को नुकसान पहुंचाएगा, उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
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पिछले हफ्ते जब हिजबुल्लाह की ओर से भेजे गए एक ड्रोन ने उत्तरी इजराइल में हमला किया था और चार सैनिकों को मार गिराया था तब न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया था कि आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग, एरो और इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम आखिर क्यों ड्रोन को नहीं रोक पाते? पैट्रिक किंग्सले और गैबी सोबेलमैन ने इस बारे में कुछ अहम बातें कही थी।
मानव रहित एयरक्राफ्ट को पहचानना मुश्किल
इजरायल के पास मिसाइलों का पता लगाने और उन्हें रोकने के लिए दुनिया भर में सबसे उन्नत सिस्टम है और इसकी गति 1,000 मील प्रति घंटे से भी अधिक है। लेकिन इसके रडार सिस्टम के लिए मानव रहित एयरक्राफ्ट जैसे ड्रोन को पहचानना मुश्किल होता है।
ड्रोन में आमतौर पर कम धातु का इस्तेमाल होता है और तेज गति वाले रॉकेट और गोलों की तुलना में इनसे कम गर्मी निकलती है और इससे होता यह है कि कई बार इनका अलर्ट नहीं मिल पाता है। जब दुश्मन के ऐसे किसी ड्रोन का पता चल भी जाता है तो इसे कभी-कभी ऐसा समझ लिया जाता है कि यह इजराइल का ही एयरक्राफ्ट है। इस तरह के एयरक्राफ्ट कम ऊंचाई और हल्की गति से हवा में उड़ते हैं।
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फिर से डिजाइन करने की जरूरत
इजरायली एयर फोर्स में ड्रोन विभाग के पूर्व प्रमुख ओफर हारुवी ने बताया, “पश्चिमी दुनिया में हमारे पास जितने भी सिस्टम हैं, वे सभी लड़ाकू विमानों और मिसाइलों से एयरस्पेस की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं लेकिन इस सिस्टम के कुछ हिस्सों को फिर से डिजाइन करने की जरूरत है ताकि वे धीमी गति से चलने वाले लक्ष्य या ऐसे ड्रोन को देख सकें, उनका पता लगा सकें और उन्हें ट्रैक कर सकें।”
इजराइल का आयरन डोम एंटी-रॉकेट सिस्टम गाजा और लेबनान से दागी जाने वाली ज्यादातर मिसाइलों या रॉकेटों को मार गिराता है। इसका एरो 3 इंटरसेप्टर अप्रैल में और फिर इस महीने ईरान द्वारा दागी गई बैलिस्टिक मिसाइलों के दो बड़े हमलों को रोकने में कामयाब रहा। लेकिन फिर भी ड्रोन को लेकर यह उतना कामयाब नहीं है।
नेतन्याहू के घर पर हुए इस ताजा हमले के बाद अमेरिका ने कहा है कि वह इजराइल को एक और एंटी-मिसाइल सिस्टम- टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम या THAAD भेजेगा।
एंटी ड्रोन सिस्टम में सुधार की जरूरत
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इजरायल को अपने एंटी ड्रोन सिस्टम में सुधार करने की जरूरत है।
R2 वायरलेस के प्रमुख ओन फेनिग कहते हैं कि एंटी ड्रोन सिस्टम मुख्य रूप से रडार पर निर्भर करता है जिसे विमान जैसी बड़ी चीजों का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है। R2 वायरलेस इजरायली सेना के साथ काम करती है।
और तेज हो सकती है लड़ाई
हमास चीफ याह्या सिनवार को बीते साल इजरायल पर किए गए 7 अक्टूबर के हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है। इस हमले में 1,200 से अधिक इजरायली नागरिक मारे गए थे। याह्या सिनवार ने तेहरान में हमास के नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद हमास के प्रमुख का पद संभाला था। याह्या सिनवार हमास के मिलिट्री ऑपरेशन का इंचार्ज भी था। सिनवार को ढेर करने को इजरायल ने बड़ी कामयाबी बताया है जबकि हमास ने कहा है कि वह अपनी लड़ाई जारी रखेगा।