चींटियां सामान्य कीड़े-मकोड़ों की प्रजाति हैं। लेकिन उनमें कुछ अनोखी क्षमताएं होती हैं। चींटियों में संचार का शानदार कौशल होता है। यह उन खास जीवों में हैं, जो कॉलोनी बनाकर रहती हैं। चींटियों का समूह साथ में खाना खोजता है, युद्ध लड़ता है और एक दूसरे का इलाज भी करता है। जी हां, चींटियां युद्ध में घायल अपने साथियों का रणक्षेत्र से कॉलोनी में वापस लाती हैं और फिर उनका इलाज करती हैं।

युद्ध और उपचार

अफ्रीकी माटाबेले चींटियां लड़ाकू होती हैं। वे दिन में कई बार, छापेमारी के लिए अपनी कॉलोनी से निकलती हैं। अक्सर उनका मुकाबला दीमक सैनिकों से होता है। योद्धा चींटियां, सैनिक दीमकों को हराकर, कामगार दीमकों को भोजन के रूप में अपनी कॉलोनी में लाती हैं। चींटियां युद्ध में गिरे अपने साथियों को घर तक खींचकर लाती हैं।

जर्मन जीवविज्ञानियों ने पता लगाया है कि इस बचाव कार्य के अंत में क्या होता है। दरअसल, कॉलोनी में वापस लौटकर चींटियां चिकित्सा के रूप में कार्य करती हैं, घायल चींटियों के घावों को साफ करती हैं और इस प्रक्रिया में अपने साथियों के मृत्यु दर को कम करती हैं।

वैज्ञानिकों को पहले से ही पता था कि माटाबेले चींटियां घायल चींटियों को छापे से वापस लेकर आती हैं, लेकिन 2018 में शोधकर्ता एरिक फ्रैंक ने मार्टन वेरहैन और के. एडुआर्ड लिंसेंमेयर के साथ मिलकर इलाज वाली बात का भी पता लगाया। तब जूलियस मैक्सिमिलियन विश्वविद्यालय (जेएमयू) की शोध टीम ने घायल चींटियों की जांच करने वाली चींटियों के वीडियो भी साझा किया था।

गंभीर रूप से घायल चींटियां, जिनके पांच अंग खत्म हो गए हों, उन्हें मरने के लिए छोड़ना मजबूरी होती है। इस बीच कुछ चींटियां अभिनय भी करती हैं। जैसे कम घायल चींटियां अधिक घायल होने का अभिनय करती हैं, जब उसकी मदद के लिए अन्य साथी पहुंच जाते हैं तो वे खुद को ले जाने में उनकी मदद करती हैं।

जब पूरा समूह वापस आ जाता है तो चिकित्सा उपचार शुरू होती है। चींटियां अपने घायल साथियों के खुले घावों को अक्सर कई मिनटों तक तेजी से चाट कर ठीक करती हैं। फ्रैंक कहते हैं , “हमारा मानना है कि वे घावों को साफ करने के लिए ऐसा करते हैं और शायद बैक्टीरिया या फंगल संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए अपनी लार के साथ रोगाणुरोधी पदार्थ भी लगाते हैं।”

ये इलाज कारगर होता है। फ्रैंक ने द गार्जियन को बताया था कि “अगर घायल चींटियों को समय पर इलाज नहीं मिलता है, तो 80% 24 घंटों के भीतर मर जातीं। इलाज के बाद केवल 10 प्रतिशत घायल चींटियों की मौत होती है।”

चींटियों से जुड़े फैक्ट्स

National Geographic के मुताबिक, पृथ्वी पर 20 क्वाड्रिलियन चींटियां हैं। एक क्वाड्रिलियन का मतलब 10 हजार करोड़ होता है। इस तरह प्रत्येक मनुष्य के लिए 25 लाख चींटियां हैं। चींटिंयों की 12,000 से अधिक प्रजातियां हैं। अंटार्कटिका, आइसलैंड, ग्रीनलैंड और कुछ द्वीप देशों को छोड़कर, इन्हें दुनिया में लगभग कहीं भी पाया जा सकता है।

नामचींटी
वैज्ञानिक नामफॉर्मिसिडे
आकार0.08 से 1 इंच तक
आहार सर्वाहारी
औसत उम्र कई सप्ताह से लेकर कई वर्ष तक

शोध से पता चला है कि चींटियों की 500 से अधिक प्रजातियां उन देशों में पाई जाती हैं जहां की वे मूल निवासी नहीं हैं। वे मनुष्यों या सामानों पर बैठकर यहां से वहां पहुंच रही हैं। विदेशी चींटियां पारिस्थितिकी तंत्र को बदल सकती हैं और अन्य जीवों को मार सकती हैं। चींटियों से होने वाला नुकसान बढ़ता जा रहा है, 1930 से 2021 तक आक्रामक चींटियों ने अनुमानित 51 बिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान कर दिया था।

एक चींटी कॉलोनी में सैकड़ों-हजारों चींटियाँ हो सकती हैं। समुदायों का नेतृत्व एक रानी या कई रानियों द्वारा किया जाता है। कॉलोनी के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए रानियां हजारों अंडे देती हैं। कुछ प्रजातियों में नर चींटियों (जिन्हें ड्रोन के रूप में जाना जाता है) की अक्सर केवल एक ही भूमिका होती है, वह है रानी के साथ संभोग करना। वे अक्सर कुछ ही समय बाद मर जाते हैं। श्रमिक चींटियां, कॉलोनी की सबसे अधिक दिखाई देने वाली सदस्य। ये सभी मादा होती हैं लेकिन कभी प्रजनन नहीं करती हैं, बल्कि भोजन की तलाश करती हैं और रानी की संतानों की देखभाल करती हैं। कुछ श्रमिक चींटियां अपने वजन से 50 गुना अधिक वजन उठा सकती हैं। चींटी अपने आकार के हिसाब से दुनिया के सबसे ताकतवर प्राणियों में से एक है।

चींटियों के कान नहीं होते और उनमें से कुछ की आँखें भी नहीं होतीं। चींटियाँ अपने पैरों के माध्यम से जमीन से कंपन महसूस करके “सुनती हैं”। चींटियां अपने एंटीना का उपयोग करके एक दूसरे से बात कर सकती हैं।