यह चिंता का विषय है कि दुनिया की सबसे बड़ी नदी अमेजन सूख रही है। अमेजन जंगलों के पूरे इलाके में बेहद गंभीर पर्यावरण संकट वाले हालात हैं और ऐसा इस वजह से हुआ है क्योंकि पिछले साल यहां भयंकर सूखा पड़ा था और इस साल भी जितनी बारिश होनी चाहिए थी, उससे कम हुई है।
पर्यावरण में हो रहे बदलावों की वजह से अमेजन नदी का जल स्तर लगातार गिर रहा है और इसे लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
पिछले साल लगी थी जंगलों में आग
बीते साल पड़े सूखे की वजह से अमेजन में कई गांवों का नदी से संपर्क टूट गया था, जंगलों में आग लग गई थी और बड़ी संख्या में जंगली जीव-जंतुओं की मौत हो गई थी। तब वैज्ञानिकों ने चिंता जताई थी कि इस तरह की घटनाएं ऐसा संकेत देती हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा जंगल ऐसी हालत में पहुंच रहा है, जहां से वापसी की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती।
अमेजन के जंगलों में जब सूखा पड़ा था, उसके पीछे जलवायु परिवर्तन को मुख्य वजह माना गया था, इस वजह से नदियां सूख गई थीं, डॉल्फिन मछलियां मर गई थी और इस इलाके में रहने वाले लाखों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था।
ब्राज़ील जियोलॉजिकल सर्विस ने चेतावनी दी है कि अमेजन बेसन की सभी नदियां अपने सबसे कम स्तर से भी नीचे जा सकती हैं और इस वजह से स्थानीय समुदायों के लिए बड़े पैमाने पर चुनौतियां पैदा हो सकती हैं। उदाहरण के लिए मनोस में बहने वाली रियो नीग्रो की गहराई पिछले साल 24 मीटर थी और यह अब घटकर 21 मीटर रह गई है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस गिरावट की वजह से फ्री ट्रेड जोन में उद्योगों के बीच चिंता वाले हालात हैं और इस वजह से यहां पिछले साल की तरह परिवहन में रुकावटों को रोकने के लिए ड्रेजिंग किए जाने की मांग की जा रही है।
सरकार के परिवहन महकमे ने पहले ही मदीरा नदी पर महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ड्रेजिंग शुरू कर दी है और ऐसा अमेजन और सोलिमोस नदियों तक किए जाने की योजना है।
क्या होती है ड्रेजिंग?
ड्रेजिंग झीलों, नदियों और बंदरगाहों जैसे जल निकायों के नीचे से तलछट को हटाने का तरीका है।
लंबे समय तक पड़े सूखे ने नदी के नेविगेशन पर बेहद खराब असर डाला है विशेषकर निर्यात के लिए खाद्य पदार्थ ले जाने वाली नौकाओं पर। पोर्टो वेल्हो, रोंडोनिया राज्य में, मदीरा नदी की गहराई जुलाई से दो मीटर नीचे आ गई है और यह इसके सामान्य 5.3 मीटर से काफी कम है और इस वजह से उत्तरी ब्राजील के मुख्य जलमार्गों में से एक रास्ता प्रभावित हो रहा है।
रोजमर्रा के जीवन पर पड़ रहा असर
नदियों के नेविगेशन पर खराब असर पड़ने की वजह से अमेजन इलाके में रहने वाले समुदाय अलग-थलग पड़ते जा रहे हैं और इस वजह से भोजन, मेडिकल आपूर्ति और अन्य जरूरी वस्तुओं तक उनकी पहुंच कम हुई है। क्योंकि जैसे-जैसे जल स्तर गिरता जाता है और तलछट जमा होती जाती है, नदी के कई रास्तों को पार करना मुश्किल हो जाता है और इससे दूरदराज के गांवों और कस्बों तक सप्लाई चेन भी बाधित हो जाती है और इससे निश्चित रूप से यहां रहने वाले समुदायों के रोजमर्रा के जीवन पर असर पड़ता है।
नदियों का जलस्तर गिरने की वजह से फसलों पर असर हो रहा है, नदियों के सूखने के कारण मछलियों की आबादी घट रही है, जिससे नदी के किनारे रहने वाले लोग गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं क्योंकि ये लोग अपनी आजीविका चलाने के लिए मछली पकड़ने का काम करते हैं।
जलवायु विज्ञानी जोस मारेंगो इस हालात पर चिंता जताते हुए कहते हैं कि मौजूदा हालात बेहद खराब हैं, नदियां इस कदर सिकुड़ रही हैं कि लोग अलग-थलग पड़ गए हैं। इस वजह से खाद्य असुरक्षा और पैसे को लेकर होने वाली परेशानियां बढ़ गई हैं, क्योंकि जब नदी का प्रवाह कम होता है तो इसका असर खेती और मछली पकड़ने, दोनों कामों पर होता है।
ऐसे वक्त में जब अमेजन बेसिन में नदियां सूखने की कगार पर हैं और उनका जलस्तर लगातार गिर रहा है। इस वजह से मानव जीवन के लिए हालात खराब हो रहे हैं। इस दिशा में कदम उठाए जाने की सख्त जरूरत है।