पंजाब में जालंधर वेस्ट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल कर लोकसभा चुनाव में अपने खराब प्रदर्शन से मिले दर्द को कुछ हद तक कम किया है। जबकि लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस तीसरे नंबर पर आई है।
13 लोकसभा सीटों वाले पंजाब में कांग्रेस ने 7, आप ने 3 और अकाली दल ने 1 सीट पर जीत हासिल की थी। दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीते थे।
आम आदमी पार्टी ने जालंधर वेस्ट सीट 37 हजार से ज्यादा वोटों से जीती है और बीजेपी, कांग्रेस के उम्मीदवारों को बहुत पीछे छोड़ दिया।
जालंधर वेस्ट सीट पर किसे कितने वोट मिले
राजनीतिक दल | उम्मीदवार | मिले वोट |
आम आदमी पार्टी | मोहिंदर भगत | 55,246 |
बीजेपी | शीतल अंगुराल | 17,921 |
कांग्रेस | सुरिंदर कौर | 16,757 |
शिरोमणि अकाली दल | सुरजीत कौर | 1242 |
बहुजन समाज पार्टी | बिंदर कुमार लाखा | 734 |
आम आदमी पार्टी ने उसे 2022 के विधानसभा चुनाव में मिले वोटों में भी अच्छा-खासा इजाफा किया है।
2022 के विधानसभा चुनाव में मिले वोट
राजनीतिक दल | उम्मीदवार | मिले वोट |
आम आदमी पार्टी | शीतल अंगुराल | 39001 |
बीजेपी | मोहिंदर भगत | 33279 |
कांग्रेस | सुशील कुमार रिंकू | 34718 |
शिरोमणि अकाली दल | – | |
बहुजन समाज पार्टी | अनिल मीनिया | 4085 |
तीन हफ्ते तक जालंधर में डटे रहे मान
जालंधर वेस्ट की सीट पर जीत के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान कितने गंभीर थे, इसका पता इससे चलता है कि उन्होंने जालंधर के दीप नगर में किराए का घर ले लिया था और तीन हफ्ते तक वे लगातार इस विधानसभा सीट पर डटे रहे। न सिर्फ मान बल्कि उनकी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर और उनकी बहन मनप्रीत कौर भी उपचुनाव के दौरान जालंधर में लोगों से मिलते जुलते रहे।
मान ने कहा था कि वह चुनाव के बाद भी इस घर को खाली नहीं करेंगे ताकि वे हफ्ते में तीन से चार दिन दोआबा और माझा के लोगों के लिए उपलब्ध रह सकें। उनके इस फैसले का निश्चित रूप से असर विधानसभा चुनाव के नतीजों में दिखाई दिया है।
यह विधानसभा चुनाव जीतना मान के लिए इसलिए भी जरूरी था क्योंकि यहां से बीजेपी के टिकट पर लड़े शीतल अंगुराल को 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने ही आम आदमी पार्टी का टिकट दिलाया था और अंगुराल विधायक भी बने थे। लेकिन शीतल अंगुराल कुछ महीने पहले आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे।
भगवंत मान के साथ ही आम आदमी पार्टी सरकार के तमाम मंत्रियों और जालंधर में आम आदमी पार्टी की इकाई ने इस सीट पर फतेह हासिल करने के लिए पूरा जोर लगाया।

मोहिंदर भगत पर सही बैठा मान का दांव
मुख्यमंत्री भगवत मान ने जालंधर वेस्ट की सीट जीतने के लिए काफी राजनीतिक सूझबूझ का इस्तेमाल किया। उन्होंने पंजाब में बीजेपी के दिग्गज नेता रहे और पूर्व कैबिनेट मंत्री चुन्नीलाल भगत के बेटे मोहिंदर भगत को उम्मीदवार बनाया। मोहिंदर भगत इससे पहले भी दो बार जालंधर वेस्ट सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे और 2022 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने अच्छे वोट हासिल किए थे। इस बार के लोकसभा चुनाव में मोहिंदर भगत को जालंधर वेस्ट सीट का प्रभारी बनाया गया था।
मुख्यमंत्री भगवंत मान का दांव तो सही बैठा लेकिन बीजेपी का शीतल अंगुराल को पार्टी के टिकट पर उतारना सही फैसला नहीं रहा क्योंकि पिछली बार के मुकाबले बीजेपी को यहां लगभग आधे वोट मिले हैं।
चन्नी नहीं दिला सके जीत
जालंधर वेस्ट सीट का नतीजा कांग्रेस के लिए बेहद खराब रहा, जबकि पूरे पंजाब के साथ जालंधर में भी कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा था। लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने जालंधर लोकसभा सीट से 1.75 लाख वोटों से जीत हासिल की थी और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार पवन कुमार टीनू तीसरे नंबर पर आए थे।
चरणजीत सिंह चन्नी ने कांग्रेस की उम्मीदवार सुरिंदर कौर के लिए खूब चुनाव प्रचार किया लेकिन वह बहुत पीछे रह गईं। सवाल उठता है कि लोकसभा चुनाव में मिली जोरदार बढ़त को कांग्रेस यहां बरकरार क्यों नहीं रख सकी?

इस विधानसभा सीट पर इतनी बड़ी जीत हासिल करके मुख्यमंत्री भगवंत मान ने यह दिखाया है कि विधानसभा चुनाव या उपचुनाव के मामले में अभी भी उनकी पकड़ राज्य की राजनीति पर मजबूत है।