बांग्‍लादेश की राजधानी ढाका के एक एलीट कैफे में आतंकियों ने वहां के कुक से खाना बनवाया था। बचकर निकल पाने में कामयाब रहे एक हिदू कुक ने NDTV से बातचीत में उस भयानक रात के कई राज खोले हैं। उसने बताया कि कैफे के स्‍टाफ को आतंकियों ने पास्‍ता और मछली बनाने के लिए मजबूर किया। सर्वाइवर ने कहा कि ज्‍यादातर लोगों को आतंकियों ने हमला करते ही मार दिया था। उसने बताया, ”उन्‍होंने लाशों को क्षत-विक्षत करने के लिए गैस सिलेंडर्स का इस्‍तेमाल किया।” जिंदा बच निकले शेफ के अनुसार, ‘असिस्‍टेंट शेफ अपने 8 सहयोगियों के साथ टॉयलेट में छिपे थे। बाथरूम छोटा था और हमें पर्याप्त हवा नहीं मिल पा रही थी। हमने सारे नल खोल दिए ताकि हवा आ सके। आधी रात के बाद आतंकियों को एहसास हुआ कि बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद है।”

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शेफ ने बताया, ”हमें जबरदस्‍ती बाहर निकाला गया। वहां दो आतंकी थे, उन्‍होंने हमारी तलाशी ली और पूछा कि क्‍या हम में से कई विदेशी था। हमारा विदेश कुक बहुत पहले ही भाग गया था। जब वे संतुष्‍ट हो गए तो उन्‍होंने हमें फिर से बाथरूम में लॉक कर दिया। कुछ घंटों बाद जब सांस लेना दूभर हो गया तो हमने दरवाजा पीटना शुरू कर दिया। आतंकियों ने हमें बाथरूम से बाहर निकलने दिया। हम में से पांच बाहर निकले जबकि चार ने भीतर रहना ही ठीक समझा। मैं एक हिंदू हूं। मैं अपनी किस्‍मत नहीं आजमाना चाहता था। बाहर जाने वाले पांच में से एक कुर्सी पर बैठ गया। लाशों की तरफ उंगली करके उसने अपने साथ बैठे शख्‍स से पूछा कि उसने बीच-बचाव की कोशिश क्‍यों नहीं की, तो वह हंसा और कहा कि उसी ने ही तो उसे मारा है।” जब सुबह का वक्‍त हुआ तो उन्‍होंने सहरी खत्‍म की। आतंकियों ने बंधकों से कहा कि वे सब मारे जाएंगे मगर जन्‍नत में जरूर मिलेंगे।

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कमांडो के नेतृत्‍व में ऑपरेशन के बाद 6 आतंकियों को मार गिराया गया था, जबकि एक को जिंदा पकड़ा गया। हमले में 20 बंधकों की मौत हो गई थी। ISIS ने हमले की जिम्‍मेदारी ली थी और बुधवार को फिर धमकी दी कि ऐसे हमले ‘बार-बार’ होंगे। बांग्‍लादेश सरकार ने हमले के लिए एक बैन लोकल समूह को जिम्‍मेदार ठहराया है।