चीन में बने सबसे ऊंचे पुल को यातायात के लिए अब खोल दिया गया है। निझू नदी घाटी के ऊपर बने 565 मीटर ऊंचे पुल का उद्घाटन गुरुवार को हुआ जो दक्षिणी-पश्चिमी पहाड़ी प्रांतों युन्नान और गुईझू को जोड़ती है। इस पुल के बन जाने से इन दोनों राज्यों के बीच यात्रा का समय घटकर एक चौथाई रह गया है। चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक 1,341 मीटर लंबे बेईपेनजियांग पुल का निर्माण साल 2013 में शुरू हुआ था जो सितंबर 2016 तक चला। सितंबर में इसका निर्माण कार्य पूरा हो गया। पुल के निर्माण में 1,000 से ज्यादा इंजीनियर और तकनीशियन लगाए गए थे। इसकी निर्माण लागत एक अरब युआन (14.4 करोड़ डॉलर) है।

बेईपेनजियांग घाटी में स्थित इस पुल के बारे में गुईझो प्रांत के परिवहन विभाग ने बताया कि पुल का डेक और धरती या इसकी सतह के नीचे पानी के बीच की दूरी 200 मंजिला इमारत जितनी है। यह पुल राजमार्ग का हिस्सा है जो झेजियांग की राजधानी हांगझू और युन्नान के रुइली को जोड़ती है।

इस पुल पर यातायात गुरुवार से शुरू हो गया। (फोटो-AP)

प्रांतीय यातायात विभाग द्वारा जारी एक अन्य बयान में कहा गया कि इससे पहले मध्य चीन के हूबेई प्रांत में बना सी डू रिवर ब्रिज दुनिया का सबसे ऊंचा पुल हुआ करता था, लेकिन अब बेइपानजियांग पुल दुनिया में सबसे ऊंचा पुल हो गया है।दुनिया के सबसे ऊंचे पुलों में कई चीन में ही बने हुए हैं। हालांकि अपने ढांचे की ऊंचाई के लिहाज से (जमीन से ऊंचाई के लिहाज से नहीं) दुनिया का सबसे ऊंचा पुल फ्रांस का मिल्लाऊ वायाडक्ट है, जिसके ढांचे की कुल ऊंचाई 343 मीटर है।

इस पुल के बन जाने से इन दोनों राज्यों युन्नान और गुईझू के बीच यात्रा का समय घटकर एक चौथाई रह गया है। (फोटो-AP)

गौरतलब है कि ऊंचे पुलों के अलावा चीन में अनूठे पुल भी कई हैं, जिनमें से एक वह कांच का पुल है, जिसका नाम ‘द हाओहान कियाओ’ (The Haohan Qiao) या ‘बहादुर मर्दों का पुल’ रखा गया है। यह पुल चीन के हुनान प्रांत में एक ऐसी खाई पर बनाया गया है, जिसकी 180 मीटर की गहराई वैसे ही दिल दहला देती है, लेकिन इस पुल को पार करने के लिए ‘दिलेर’ होना इसकी ऊंचाई की वजह से ज़रूरी नहीं है, बल्कि इसकी एक और विशेषता की वजह से ज़रूरी है। दरअसल, इस पुल का फर्श, जो 300 मीटर लम्बा है जो पूरी तरह कांच का बना हुआ है।

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