दुनियाभर की कई बड़ी शख्सियतों ने वर्ष 2016 में तथ्य संबंधी और अन्य गलतियां कीं। डोनाल्ड ट्रंप ने जहां 9/11 को ‘7/11’ कहा, वहीं महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को कैमरे के सामने चीन के अधिकारियों को ‘बहुत रूखे बर्ताव वाला’ कहते हुए पाया गया। इस वर्ष अगर नेताओं की बात करें तो अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस की अपनी दौड़ के दौरान तथ्य संबंधी कई गड़बड़ियां कीं। अप्रैल में अपने प्रचार अभियान के दौरान ट्रंप ने ‘9/11’ की बजाय ‘7/11’ का जिक्र कर दिया जो किराने की दुकान की लोकप्रिय श्रृंखला है। ट्रंप ने सिर्फ व्यक्तिगत तौर पर ही चूक नहीं की, बल्कि उनके अभियान के दौरान भी ऐसा देखा गया। जनवरी में ट्रंप के एक चुनावी प्रचार में अवैध आव्रजन के खिलाफ उनके कड़े रुख के समर्थन में गलत फुटेज दिखाया गया। अमेरिका की लिबर्टेरियन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार गैरी जॉनसन ने भी कुछ मौकों पर चूक की, जिसका विश्वभर में मजाक बनाया गया। जब उनसे पूछा गया कि वह सीरियाई शहर अलेप्पो को लेकर क्या करेंगे तो जॉनसन ने कहा, ‘अलेप्पो क्या है?’ सितंबर में एमएसएनबीसी टाउन हॉल में जॉनसन अपने पसंदीदा विदेशी नेता का नाम नहीं बता पाये थे।

साल के सितंबर महीने में ही जी-20 के नेताओं के सम्मेलन से पहले हांगझाउ में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की जुबान फिसल गयी थी, जिसके बाद इस चीज के प्रसार को रोकने का प्रयास बहुत तेज कर दिया गया था। सम्मेलन के अपने वक्तव्य में वह एक गलत मुहावरा बोल गये थे। मई में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को कैमरे पर ‘नाइजीरिया और अफगानिस्तान को संभावित तौर पर दुनिया के दो सबसे भ्रष्ट देश’ कहते हुए पाया गया। उन्होंने हालांकि लंदन के भ्रष्टाचार-निरोधी सम्मेलन में दोनों देशों के नेताओं के हिस्सा लेने की योजना की सराहना की। इस साल ब्रिटिश राजपरिवार की तरफ से भी राजनयिक चूक हुई जब महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की पिछले साल की ब्रिटिश यात्रा के दौरान चीन के अधिकारियों के बर्ताव को बहुत रूखा कहते हुए कैमरे में कैद कर लिया गया। आम तौर पर ब्रिटेन के राजपरिवार की तरफ से इस तरह की चूक नहीं होती है। बर्मिंघम पैलेस में मई में आयोजित एक पार्टी के दौरान राजघराने के एक आधिकारिक कैमरामैन ने यह वीडियो रिकॉर्ड किया था।