सऊदी अरब में किंग सलमान के शासन ने महिला सशक्तीकरण की ओर एक और कदम बढ़ाया है। अलग-अलग क्षेत्रों में नौकरी से लेकर अकेले सफर करने के लिए महिलाओं को छूट देने के साथ-साथ अब कुछ महिला सैनिकों को मक्का स्थित हज यात्रा की सुरक्षा में भी तैनात किया गया है। बताया गया है कि दर्जनों महिलाओं को मक्का और मदीना में होने वाली हज यात्रा की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है।

सऊदी सेना की खाकी वर्दी पहने महिलाओं को मक्का की ग्रैंड मॉस्क में आवाजाही करने वालों की निगरानी करते देखा गया। खाकी वर्दी के साथ, महिला सैनिकों को एक लंबी जैकेट, ढीली ट्राउजर और अपने बालों को ढकने वाले कपड़े के ऊपर एक काले रंग की बेरी पहने देखा गया। मोना नाम की एक महिला सैनिक ने बताया कि वे अपने दिवंगत पिता के सफर को पूरा कर रही हैं, जो कि खुद भी मक्का की इस मस्जिद में सुरक्षा दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि मक्का के दर्शन करने वालों को देखना एक गर्व करने वाली बात है।

साइकोलॉजी से पढ़ाई करने वाली मोना को अपना करियर चुनने में अपने परिजनों का भरपूर साथ मिला। जिसके बाद वो एक सैनिक हैं। मोना का मानना है कि धर्म की सेवा, देश की सेवा और अल्लाह के मेहमानों की सेवा करने उनके लिए सबसे बड़ी गर्व की बात है। गौरतलब है कि इस साल कोरोना के चलते सऊदी अरब ने विदेशी नागरिकों के लिए हज यात्रा पर कई नियम लगाए हैं।

विजन 2030 के तहत सऊदी अरब में बदलाव ला रहे प्रिंस सलमान: बता दें कि सऊदी में कुछ साल पहले ही शुरू हुए बदलावों की बयार का श्रेय किंग सलमान के बेटे प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को दिया जाता है। प्रिंस ने ही तेल के निर्यात पर निर्भर सऊदी की अर्थव्यवस्था को बदलने का बीड़ा उठाया है और इसे पर्यटन के साथ निवेश का केंद्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इसी के चलते वे लगातार शासन के कड़े नियमों और महिलाओं पर लगे प्रतिबंधों में छूट की घोषणा कर रहे हैं।

इन सुधार प्रक्रियाओं को विजन 2030 नाम दिया गया है। इसके तहत सऊदी के प्रिंस ने महिलाओं पर लगे कई तरह के प्रतिबंधों को भी हटा दिया है। अब यहां वयस्क महिलाओं को बिना परिजनों की आज्ञा लिए कहीं भी आने-जाने की अनुमति दी गई है। इसके अलावा पारिवारिक मुद्दों में भी महिलाओं को नियंत्रण का हक दिया गया है।