अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी नीतियों और योजनाओं को स्वरूप देना शुरू कर दिया है। उन्होंने पदभार संभालने के पहले 100 दिन के लिये कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश देते हुये कहा कि अमेरिका में कार्यवीजा के दुरुपयोग का पता लगाया जायेगा।
उन्होंने पदभार संभालने के पहले ही दिन प्रशांत-पारीय भागीदारी (टीपीपी) समझौते से अमेरिका के बाहर निकलने का भी संकल्प जताया। यह दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार समझौता है।

ट्रंप ने राष्ट्रपति निर्वाचित होने के बाद जारी अपने पहले वीडियो संदेश में टीपीपी को अमेरिका के लिये ह्यह्यसंभावित विनाशकारी बताया और कहा कि 20 जनवरी को जब वह राष्ट्रपति का पद संभालेंगे उसी दिन अमेरिका इस समझौते से बाहर हो जायेगा। ट्रंप ने कहा, ह्यह्यमेरा एजेंडा सीधे-सादे मूल सिद्वांत पर आधारित है और वह है हर क्षेत्र में अमेरिका पहले। चाहे इस्पात उत्पादन का मामला हो, कारें बनाने की बात हो या फिर बीमारी का इलाज हो, मैं चाहता हूं कि उत्पादन और नवोन्मेष की अगली पीढ़ी की शुरच्च्आत हमारी इस महान धरती अमेरिका से ही हो। अमेरिकी कामगारों के लिये यहां संपत्ति और रोजगार पैदा हो।

ट्रंप ने अपने कार्यकाल की शुरच्च्आत में उठाये जाने वाले कुछ कदमों के बारे में कहा, ह्यह्यअपनी इस योजना के तहत मैंने, अपनी बदलाव टीम से कहा है कि रोजगार वापस लाने और अपने कानूनों को फिर से अमल में लाने के लिये वह ऐसे कार्यों की सूची तैयार करें जिन्हें हम पदभार संभालने के पहले ही दिन अमल में ला सकें। यह समय की बात है।

ट्रंप ने कहा, ‘‘व्यापार के मामले में, मैं प्रशांत-पारीय भागीदारी समझौते से बाहर निकलने की मंशा वाली अधिसूचना जारी करच्च्ंगा। यह समझौता अमेरिका के लिये एक संभावित त्रासदी वाला है। इसके स्थान पर हम उचित, द्विपक्षीय व्यापार समझौतों पर बातचीत करेंगे जिनसे रोजगार और उद्योग वापस अमेरिका में आयें।’’
दुनिया के इतिहास में टीपीपी सबसे बड़ा व्यापार समझौता है। इसमें एशिया प्रशांत क्षेत्र के 12 देश शामिल हैं। यह व्यापार समझौता 2015 में हुआ जिसमें अमेरिका, जापान, मलेशिया, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा और मैक्सिको शामिल हैं। हालांकि, अलग अलग देशों ने इसकी अभी पुष्टि नहीं की है।
उन्होंने कहा कि इस सब के पीछे उद्देश्य आर्थिक गठबंधनों को और गहरा बनाना और शुल्क कम करने सहित आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देना है। इसके अलावा श्रम और पर्यावरण मानकों को लागू करने, बौद्धिक संपदा अधिकार :कॉपीराइट:, पेटेंट और दूसरे कानूनी संरक्षण के भी उपाय होंगे।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों के दौरान ट्रंप व्यापार समझौतों के खिलाफ खुलकर अपनी बात कहते रहे हैं। ट्रंप के यह घोषणा करने से कुछ ही घंटे पहले जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने चेतावनी के लहजे में कहा कि प्रशांत-पारीय भागीदारी समझौता अमेरिका की भागीदारी के बिना बेकार होगा। ट्रंप ने यह भी वादा किया कि वह अपने श्रम विभाग को प्रवासी कामगारों के लिये दिये जाने वाले वीजा कार्यक्रम के दुरच्च्पयोग की जांच करेगा।

सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाले विदेशी कर्मचारियों को ट्रंप के शासनकाल में कड़ी जांच के दौर से गुजरना पड़ सकता है। ट्रंप के प्रस्तावित अटार्नी जनरल जेफ सेसन ने यह बात कही। जेफ एच-1बी वीजा कार्यक्रम के कड़े आलोचक रहे हैं। विदेशी श्रमिकों के खिलाफ अभियान चलाने वालों का कहना है कि ट्रंप एच-1बी वीजा के इस्तेमाल के खिलाफ कदम उठा सकते हैं। यह वीजा आउटसोर्सिंग कंपनियों को जारी किया जाता है। एच-1बी वीजा को लेकर ट्रंप के बयान समय समय पर बदलते रहे हैं।