फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने पेरिस हमलों के बाद इस्लामिक स्टेट (आइएस) समूह को नष्ट करने की कसम खाई है। साथ ही देश में आतंकवाद से मुकाबले के लिए नए कड़े कदम उठाने और सीरिया में बमबारी तेज करने का वादा किया है। 129 लोगों की जान लेने वाले हमलों को ‘जंगी कार्रवाई’’ करार देते हुए ओलांद ने पूरी दुनिया से आइएस को तबाह करने की लड़ाई लड़ने का आह्वान किया और कहा कि वे एक नई लड़ाई को लेकर अमेरिका और रूस के अपने समकक्षों के साथ वार्ता करेंगे।

वर्साय में संसद के दोनों सदनों की अभूतपूर्व बैठक को संबोधित करते हुए ओलांद ने कहा, शुक्रवार की युद्ध की कार्रवाई का फैसला और योजना सीरिया में बनाई गई और इसकी तैयारी और इसका संगठन बेल्जियम में किया गया और इसे फ्रांसीसी लोगों की संलिप्तता से हमारी धरती पर अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा, आइस को खत्म करने की जरूरत पूरी अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से जुड़ी है। उनके भाषण के बाद राष्ट्रगान गाते हुए सांसद भावुक हो गए।

ओलांद ने कहा कि सीरिया में आइएस के खिलाफ हमारी कार्रवाई क्षमता को तिगुना करने के लिए पूर्वी भूमध्यसागर में विमानवाहक पोत चार्ल्स दा गाउल को तैनात किया जाएगा। ओलांद ने कहा, आने वाले सप्ताह में हम हमले जारी रखेंगे, कोई नरमी नहीं बरती जाएगी और कोई समझौता नहीं होगा। घरेलू मोर्चे पर फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने आपातकाल की समयावधि को तीन महीने तक बढ़ाए जाने का आह्वान किया और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए 8500 नए पुलिस और न्यायिक पदों की घोषणा की।

एक सरकारी सूत्र ने एएफपी को बताया कि सीरिया से लौटने वालों को घरों में नजरबंद करके रखा जा सकता है और राष्ट्रपति कड़े सुरक्षा उपायों को अपनाने के लिए संविधान संशोधन पर विचार कर सकते हैं। पेरिस हमलों को लेकर लोगों की भावनाएं उफान पर हैं और इसी के साथ हजारों लोगों ने मारे गए लोगों की याद में घटनास्थलों पर जाकर कुछ मिनट का मौन रखा।