Earthquake in Turkey and Syria: तुर्की (Turkey) में इतिहास का दूसरा सबसे विनाशकारी भूकंप (Earthquake) आया है। 7.8 की तीव्रता से आए इस भूकंप से अकेले तुर्की में ही 2500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इससे पहले 1939 में इतनी तीव्रता का भूकंप आया था। इससे तुर्की में 32 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। पिछले 24 साल में तुर्की में भूकंप से 18 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। आखिर तुर्की में इतने भूकंप क्यों आते हैं, क्या तुर्की में भूकंप के पीछे कोई बड़ी वजह है। इस रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं।

क्या तुर्की में भूकंप के पीछे की वजह?

तुर्की और इसके आसपास का इलाका एनाटोलियन प्लेट (Anatolian Plate) पर है। तुर्की 6 टेक्टोनिक प्लेटों से घिरा है। एनाटोलियन प्लेट के पूर्व में ईस्ट एनाटोलियन फॉल्ट है जबकि बाईं तरफ ट्रांसफॉर्म फॉल्ट है। दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम में अफ्रीकन प्लेट (African Plate) है। इसके अलावा तुर्की के उत्तर दिशा में यूरेशियन प्लेट है। यह प्लेटें घड़ी के विपरीत दिशा में घूमती है। इससे इन प्लेटों में घर्षण होता है। इसी के कारण भूकंप के तेज झटके लगते हैं। कुछ वैज्ञानिकों का यह भी मानना है कि एशिया में हिमालयन क्षेत्र में जिस तरह के हालात हैं उससे कही अलग तुर्की के आसपास के हैं। उत्तरी एनाटोलियन प्लेट की स्टडी के बाद पता चला है कि वह एनाटोलिया यूरेशियन प्लेट से अलग हो चुकी है। इस स्टडी में सामने आया कि इन प्लेटों पर अरेबियन प्लेट का दबाव बढ़ रहा है। वहीं यूरेशियन प्लेट इस दबाव को रोक रही है।

1970 के बाद 3 बार आए 6 तीव्रता के भूकंप

यूएसजीएस (United States Geological Survey) के अनुसार पिछले कुल सालों में 5 या उससे अधिक तीव्रता के बड़े भूकंप बहुत बार-बार नहीं आए हैं। यूएसजीएस के अनुसार 1970 के बाद से इस क्षेत्र में 6 या उससे अधिक तीव्रता के केवल तीन भूकंप आए हैं. इस क्षेत्र में आखिरी बड़ा भूकंप जनवरी 2020 में आया था। सोमवार को तुर्की में आए भूकंप अपेक्षाकृत उथली गहराई से उभरे जिसने उन्हें विनाशकारी बना दिया। 7.8 तीव्रता का पहला भूकंप, पृथ्वी की सतह से 17.9 किमी नीचे उत्पन्न हुआ। बाद के सभी जिनमें 7.5 परिमाण का एक भी शामिल है, सतह के और भी करीब से उभरे हैं। भूकंप तरह से जितने करीब होता है उससे नुकसान भी उतना अधिक होता है।

क्या भूकंप की पहले की जा सकती है भविष्यवाणी?

प्राकृतिक घटनाओं में भूकंप बेहद आम घटना है। इसकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। भूकंप की उत्पत्ति के समय और पृथ्वी की सतह तक पहुंचने के समय के बीच कुछ सेकंड का लीड टाइम देना संभव है। बता दें कि भूकंपीय तरंगें प्रकाश की गति से काफी धीमी गति से यात्रा करती हैं। इनती गति 5 से 13 किमी प्रति सेकंड के बीच होती है इसलिए अगर भूकंप के शुरू होते ही उसका पता चल जाता है तो उसके जमीन पर पहुंचने से कुछ सेकंड पहले ही उसके बारे में सूचना मिल सकती है। हालांकि यह समय इतना कम होता है कि किसी को अलर्ट भेजा जा सके। बता दें कि हर साल औसतन 8 या उससे अधिक परिमाण के एक से तीन भूकंप दर्ज किए जाते हैं, जबकि 7 और 8 के बीच परिमाण के 10-15 भूकंप आते हैं।