खालिस्तान के लिए समर्थन की मांग को लेकर दायर की गयी एक ऑनलाइन याचिका पर व्हाइट हाउस ने शुक्रवार (7 अक्टूबर) को किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए पिछले वर्ष नयी दिल्ली की यात्रा पर गए अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि धार्मिक स्तर पर विभाजित नहीं होना ही भारत की सफलता का आधार है। एक अलगाववादी सिख की याचिका पर व्हाइट हाउस ने कहा, ‘इस मंच के इस्तेमाल के लिए हम आपकी सराहना करते हैं लेकिन आपकी याचिका में उठाए गए मुद्दे पर हम यहां टिप्पणी नहीं कर सकते हैं।’

इस याचिका को एक लाख से अधिक लोगों का समर्थन मिला है। ‘जीपी’ की पहचान वाले किसी व्यक्ति ने 10 जुलाई को यह याचिका डाली थी। इसके बारे में व्हाइट हाउस ने कहा कि ओबामा ने देश में और इसके बाहर सभी लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने और उसके संरक्षण के लिए इसे प्राथमिकता में रखा है। व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका ने भारत में 1984 की हिंसा के दौरान सिख समुदाय के खिलाफ हुए अत्याचारों समेत मानवाधिकार से जुड़े अन्य विषयों की निगरानी की है और सार्वजनिक तौर पर इसे रिपोर्ट किया है।