अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव अंतरराष्ट्रीय मीडिया में प्रमुखता से जगह पाता रहा है। जब बराक ओबामा पहले अफ्रीकी-अमेरिकी राष्ट्रपति बने तो इसे रंगभेद के अमेरिकी इतिहास में एक निर्णायक मोड़ माना गया। लेकिन जब पिछले कुछ सालों में कुछ अमेरिकी राज्यों में कालों के संग होने वाली हिंसा को लेकर उग्र विरोध प्रदर्शन हुए तो अमेरिकी राजनीति की जमीनी हकीकत को लेकर सवाल खड़े होने लगे। पूरी दुनिया में इस बात को लेकर चिंता जताई जाने लगी कि ऊपर से भले ही अमेरिका समाज रंगभेद से मुक्त दिखाई दे, कहीं गहरे अब भी इस दिशा में काफी काम किए जाने की जरूरत है। और अब यही बात अमेरिका के अग्रणी विद्वानों के एक हालिया शोध से सामने आई है। इस शोध के अनुसार अमेरिकी नगरपालिकाओं में निम्न आय वर्गीय और कालों का प्रतिनिधित्व चिंताजनक स्तर तक कम है। यानी स्थानीय निकायों में गोरे और अमीर लोगों का वर्चस्व है।
अमेरिकी विद्वनों ब्रायन एफ शावनर, जेसे एच रोड्स और रेमंड जे ला राजा की इस रिपोर्ट में अमेरिका के उन कस्बों का अध्ययन किया गया है जिनकी जनसंख्या 25 हजार से कम थी। जिन कस्बों का अध्ययन किया गया हर छह में एक अमेरिकी इनका नागरिक है। अध्ययन में पूरे देश के 449 कस्बों और शहरों के मेयरों और नगरपालिका सदस्यों का अध्ययन किया गया। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में स्थानीय चुनावों में नस्ल और वर्ग के प्रभाव को समझने की कोशिश की। अध्ययन के अनुसार जिन शहरों और कस्बों में गोरे लोगों की जनसंख्या कालों से कम है उनमें स्थानीय चुनावों में गोरों का ज्यादा प्रतिनिधित्व है। यानी गोरों की जनसंख्या और स्थानीय निकायों में उनके प्रतिनिधित्व के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। लेकिन कालों को प्रतिनिधित्व उन्हें जगहों पर तुलनात्मक रूप से अच्छा हैं जहां उनकी जनसंख्या करीब दो-तिहाई हो।
साल 2014 में अमेरिका के मिज़ूरी प्रांत के फर्ग्यूसन में एक काले युवक माइकल ब्राउन की हत्या के बाद काफी उग्र प्रदर्शन हुए थे। यहां गोरों की जनसंख्या करीब 29 प्रतिशत है लेकिन सिटी काउंसिलों में हर छह में पांच मेयर और सदस्य गोरे थे। विद्वानों के अनुसार 2012 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में भले ही गोरे और कालों के प्रतिनिधित्व के बीच ज्यादा अंतर न हो लेकिन स्थानीय चुनावों में इसका स्तर चिंताजनक है।
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अमेरिका में तीन स्तरीय (संघीय, प्रांतीय और स्थानीय) प्रशासन व्यवस्था है। ज्यादातर अमेरिकियों के रोजमर्रा के जीवन में नगरपालिका प्रशासन ज्यादा महत्व रखता है। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के अनुसार 2012 में अमेरिका में प्रशासन के तीन स्तरों में करीब 2.2 करोड़ लोग कार्यरत थे। इनमें से 1.4 करोड़ (करीब 73 प्रतिशत) स्थानीय प्रशासन से जुड़े थे। प्रशानसनिक मामलों की अग्रणी विद्वान जेसिका ट्राउनस्टाइन ने अमेरिकी न्यूज वेबसाइट सैलोन को बताया कि आम अमेरिकी के जीवन से जुड़े घर, शिक्षा, अपराध, नशाखोरी और बंदूक नियंत्रण से जुड़े मुद्दे स्थानीय प्रशासन के अंतर्गत आते हैं। जेसिका के अनुसार 85 प्रतिशत अमेरिकी स्थानीय चुनाव को संघीय चुनाव से ज्यादा अहम मानते हैं। स्थानीय चुनावों के दौरान पुस्तकालय, वेस्ट मैनेजमेंट, पुलिस व्यवस्था, नगरपालिका प्रशासन के जैसे मुद्दे सार्वजनिक बहसों में प्रमुखता से जगह पाते रहे हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार स्थानीय चुनावों में वर्गीय चरित्र भी चौंकाने वाला था। स्थानीय चुनावों में उच्च आय वर्गीय और मध्यम आय वर्गीय नागरिकों की जनसंख्या कम होने के बावजूद उनका प्रतनिधित्व काफी अधिक था।
अध्ययन के अनुसार हर छह में एक अफ्रीकी-अमेरिकी ऐसे काउंसिल में रहता है जहां उसका प्रतिनिधित्व कम था। वहीं गोरों अमेरिकों के लिए ये अनुपात 66 में एक का था। करीब 77 हजार अफ्रीकी-अमेरिकी ऐसे कस्बों में रहते हैं जहां उनकी आबादी नगरपालिका के आधे से अधिक थी लेकिन स्थानीय काउंसिल में वो उनका एक या एक भी नहीं सदस्य था। जिन कस्बों और शहरों के स्थानीय निकायों का अध्ययन किया उनमें गोरों की जनसंख्या 34 प्रतिशत थी लेकिन सिटी काउंसिल के मेयरों और सदस्यों में 66 प्रतिशत गोरे थे। जिन कस्बों और शहरों के अध्ययन किया गया वहां अफ्रीकी-अमेरिकी महिलाओं का अनपात करीब 12 प्रतिशत था लेकिन चुनाव जीतने वालों में ऐसी महिलाएं करीब तीन प्रतिशत ही थीं।
