Hezbollah Pager Explosions: लेबनान में हिजबुल्लाह के सदस्य उस समय चौंक गए जब उनके पेजर में विस्फोट हो गया। इसके बाद इजरायल फिर से सुर्खियों में छा गया है। इसमें कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई और 2,800 से ज्यादा लोग घायल हो गए। पेजर खासतौर से हिजबुल्लाह के संचार नेटवर्क के लिए थे, लेकिन एक गुप्त इजरायली ऑपरेशन के जरिये उन्हें घातक उपकरण में बदल दिया गया। इन सबके बीच अब एक ही सवाल सभी के मन में आ रहा है कि आखिर इजरायल ने इतने सटीक हमले को अंजाम देने में सफलता कैसे पाई। इसके पीछे छिपी हुई है इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद।

मोसाद दुनिया की सबसे खतरनाक एजेंसियों में शुमार है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मोसाद ने हिजबुल्लाह के द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली पेजर को टारगेट करते हुए उसे हैक करके यह भीषण हमले करवाए हैं। मोसाद को इंस्टीट्यूट फॉर इंटेलीजेंस एंड स्पेशल ऑपरेशंस के नाम से भी जाना जाता है। मोसाद को दुनिया भर में सीक्रेट ऑपरेशन को अंजाम देने में टॉप खुफिया एजेंसी माना जाता है।

इजरायल की तीन प्रमुख एजेंसियां

मोसाद का गठन इजरायल के बनने के कुछ ही टाइम बाद हो गया था। इसका हेडक्वार्टर तेल अवीव में मौजूद है। जब इस सीक्रेट एजेंसी का गठन हुआ था तो इसे सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर कोऑर्डिनेशन के नाम से जाना गया। इजरायल में एक नहीं बल्कि तीन प्रमुख एजेंसियां है। इसमें अमन, मोसाद और शिन बेट शामिल हैं। अमन की बात करें तो यह सैन्य खुफिया जानकारी देती है। मोसाद जासूसी मामलों को संभालने के लिए जानी जाती है और शिन बेट घरेलू सुरक्षा का ध्यान रखती है।

Lebanon Pager Blast: पेजर ब्लास्ट के पीछे इजरायल का हाथ? हिजबुल्लाह ने जताई बड़ी साजिश की आशंका

ऑपरेशन एन्टेबे

मोसाद के सबसे फेमस ऑपरेशन में युगांडा में हाईजैक एयर फ्रांस की उड़ान को छुड़ाना शामिल था। मोसाद ने बहुत ही जरूरी खुफिया जानकारी दी थी और इजरायली कमांडो ने एक साहसिक छापे में 100 से ज्यादा बंधकों को बचाया गया था।

ऑपरेशन ओपेरा

इजरायली वायुसेना ने इराक के ओसरिक परमाणु रिएक्टर को तबाह कर दिया था। लेकिन मोसाद ने साइट पर सीक्रेट जानकारी इकट्ठा करने में बहुत ही अहम भूमिका निभाई। इसको इजरायल के संभावित खतरे के तौर पर देखा गया था।

इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लंबे समय से चल रहा संघर्ष

यह हमला इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष का ही नतीजा है। पिछले साल गाजा में इजरायल-हमास युद्ध के यह बाद और तेज हो गया है। हिजबुल्लाह को लंबे समय से ईरान का समर्थन हासिल है और वह इजरायली सेना के साथ समय-समय पर झड़पों में शामिल रहा है। हालांकि, एक्सपर्ट वार्निंग देते हैं कि पेजर विस्फोट हिजबुल्लाह के लिए एक बड़ा झटका है, लेकिन इनसे दोनों पक्षों के बीच पूरी तरह से युद्ध छिड़ने की संभावना नहीं है।