सीरिया के इदलिब में इस सप्ताह हुए घातक रासायनिक हमले में जीवित बचे लोगों ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि इसमें घायल हुए कई पीड़ितों ने दम तोड़ दिया है। उन्होंने बताया कि इसका प्रभाव इतना अधिक था कि लोगों ने नींद में ही दम तोड़ दिया। वह कहते हैं कि गैस बमों को विमानों से गिराया गया। अब्दुल हामिद यूसुफ ने सीएनएन को बताया कि इस हमले से वह गहरी नींद से एकदम जाग गए। जब वह उठे तो उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। वह किसी तरह मशक्कत कर बिस्तर से उठे और यह सुनिश्चित करने लगे कि उनके नौ महीने के जुड़वां बच्चे जिंदा हैं या नहीं।

रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि, उनके बच्चों को किसी तरह की हानि नहीं हुई थी। उन्होंने बच्चों को अपनी पत्नी के पास छोड़ा और उन्हें घर में ही रहने को कहा। वह अपने माता-पिता का हालचाल जानने बाहर गए। उन्होंने देखा कि बाहर लोग लड़खड़ाते हुए चल रहे हैं और सड़कों पर यहां-वहां पड़े हुए हैं। यूसुफ और उनके परिवार के कई सदस्य इदलिब प्रांत के खान शेखौन के उत्तरी छोर पर रहते हैं जहां यह रासायनिक हमला हुआ था। यूयुफ जब अपने माता-पिता के घर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उनके दोनों भाई मर चुके थे। यूसुफ ने बुधवार को सीएनएन को बताया उनके भाइयों के मुंह से झाग निकल रहा था। इसके बाद मैं डरकर अपने घर की ओर भागा। घर पहुंचा तो मैंने देखा कि मेरे बच्चा अहमद, उसकी आया और मेरी पत्नी सभी मर गए थे। इस हमले में मेरा पूर परिवार तबाह हो गया।

सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद पर रासयानिक हथियारों का इस्तेमाल करने का आरोप लगा है। ऐसा कहा जा रहा है कि वह विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र को नष्ट करना चाहते थे लेकिन इसके बजाए कई निर्दोष लोग मारे गए। इस हमले में  200 से अधिक लोग घायल हो गए। सीएनएन के मुताबिक, अमेरिका और ब्रिटेन ने रासायनिक हमले के लिए सीरिया सरकार को दोषी ठहराया है।