जर्मनी की कार निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन अमेरिकी कार मालिकों के साथ 15 बिलियन डॉलर के समझौते पर राजी हो गई है। कंपनी ने इमिशन टेस्ट (उत्सर्जन) में धोखाधड़ी की बात कबूली थी। इस समझौतें के तहत कंपनी ग्राहकों को मुआवजे के साथ कार रिपेयर करने या प्रभावित डीजल गाड़ियां खरीदने का प्रस्ताव देगी। पिछले साल अमेरिका की रेगुलेटर्स ने पता लगाया था कि फॉक्सवैगन कारों में ऐसे सॉफ्टवेयर लगाए गए थे जो इमिशन टेस्ट के परिणामों को प्रभावित करते हैं। कंपनी का कहना थी कि इससे विश्व भर की करीब 1 करोड़ 10 लाख गाड़ियां प्रभावित हुई थी।
इस अमेरिकी समझौते को अभी जज से अप्रूव होना बाकी है, लेकिन यह अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा कार स्कैंडल सेटलमेंट बताया जा रहा है। समाचार एजेंसियों के अनुसार, कानूनी समझौते के अनुसार, 2 लिटर डीजल इंजन वाले करीब 4,75,000 प्रभावित वाहनों को रिपेयर या वापस खरीदने के लिए, तथा कार मालिकों को 10,000 डॉलर तक का मुआवजा देने के लिए 10 बिलियन डॉलर का बजट तय किया गया है।
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कार मालिक फॉक्सवैगन के आॅफर को नकार भी सकते हैं, उनके पास फर्म के खिलाफ मुकदमा करने का अधिकार रहेगा। सूत्रों के अनुसार, डील में छिपाए गए डीजल उत्सर्जन के लिए 2.7 बिलियन डॉलर और ग्रीन एनर्जी तथा एनवायर्नमेंट फ्रेंडली कारों पर रिसर्च के लिए 2 बिलियन डॉलर का फंड भी शामिल है।