रूस और यूक्रेन के बीच में भीषण युद्ध को दो साल पूरे हो गए हैं। जमीन पर अभी भी स्थिति विस्फोटक ही बनी हुई है। इसके ऊपर जिस तरह तरह से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हर आलोचक की एक-एक कर मौत हो रही है, उसने भी पूरी दुनिया को हैरान-परेशान कर दिया है। बड़ी बात ये है कि कई लोग इसी तरह से अपनी जान गंवा चुके हैं। अब पुतिन के ही सबसे बड़े आलोचक एलेक्सी नवलनी की भी मौत हो गई है।
पिछले कुछ सालों में जिसने भी पुतिन का विरोध किया है, उसने अपनी जान गंवाई है। किसी की खिड़की से गिरने की वजह से मौत हुई है तो कोई प्लेन क्रैश में मारा गया है। लेकिन एक चीज कॉमन रही है, उन सभी ने राष्ट्रपति पुतिन की बुराई की है, उनकी नीतियों पर सवाल उठाए हैं। अब ये लिस्ट काफी लंबी हो चुकी है और इसी वजह से दुनिया भी कई तरह के सवाल उठा रही है।
येवगेनी प्रियोझिन
वैगनर आर्मी का चीफ येवगेनी प्रियोझिन एक समय राष्ट्रपति पुतिन का काफी करीबी बताया जाता था। लेकिन पिछले साल उसने बगावत की और रूसी सेना के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। उसकी तरफ से रूसी राष्ट्रपति और सेना पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। उस बगावत के कुछ महीनों बाद ही प्लेन क्रैश में प्रियोझिन की मौत हो गई।
पॉवेल एंतॉव
पॉवेल एंतॉव का जिक्र तो कई महीनों तक भारत में भी हुआ है। हिंदुस्तान की धरती पर ही इस शख्स की संदिद्ध स्थिति में मौत भी हुई। ओडिशा के एक होटल के तीसरे फ्लोर से नीचे गिर पॉवेल ने अपनी जान गंवा दी थी। अब पॉवेल ने तो दो कदम आगे बढ़कर कुछ महीने पहले ही रूसी सेना की यूक्रेन पर कार्रवाई को आतंकी कृत्य बता दिया था। उस बयान पर माफी तो मांगी गई, लेकिन गुस्सा तो प्रशासन में दिख ही रहा था।
राविल मैगनॉव
तेल कंपनी लुकोइल के चेयरमैन रावि मैगनॉव की मौत ने भी सभी को हैरान कर दिया था। कहने को मौत का कारण आत्महत्या बताया गया, लेकिन ये आज तक राज है कि आखिर राविल अस्पताल की खिड़की से नीचे कैसे गिर गए। बड़ी बात ये है कि इसी रूस-यूक्रेन युद्ध की उन्होंने कड़ी निंदा की थी।
डैन रैपोपोर्ट
उद्योगपत डैन रैपोपोर्ट की मौत की वजह भी आत्महत्या बताई गई थी। कहा गया था कि वे अपार्टमेंट की बिल्डिंग से कूद गए थे। हैरानी की बात ये थी कि कुछ महीने पहले ही उन्होंने रूस छोड़ दिया था, उनके राष्ट्रपति पुतिन के साथ मतभेद थे। लेकिन रूस छोड़ने के कुछ समय बाद ही 14 अगस्त, 2022 को उनकी संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई।