एक नए अध्ययन में पता चला है कि गुर्दे की बीमारी से लंबे समय से पीड़ित दो तिहाई बच्चों में विटामिन डी की कमी पाई गई है। विटामिन डी की कमी का अक्सर कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है लेकिन यह आस्टियोपोरोसिस, कैंसर, हृदय संबंधी बीमारी और आटोइम्यून का खतरा बढ़ा सकता है।
गुर्दे की बीमारी (सीकेडी) से पीड़ित बच्चों में आमतौर पर विटामिन डी की कमी होती है। जर्मनी के हीडलबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एनके डोयोन और फ्रेंज शेफर की अगुआई में पाया कि सीकेडी से पीड़ित 500 बच्चों में विटामिन डी स्तर से विभिन्न कारक किस तरह संबंधित हैं। यह शोध यूरोप के 12 देशों के बच्चों पर किया गया, उन्हें दो तिहाई मरीजों में विटामिन डी की कमी देखने को मिली।
शोधकर्ताओं ने कहा कि जो मरीज विटामिन डी अलग से लेते हैं उनमें विटामिन डी का स्तर उन बच्चों से दो गुना था जो अलग से विटामिन डी नहीं लेते हैं और उनमें विटामिन डी का स्तर कम होता है। उन्होंने पाया कि ग्लोमेरूलोपेथिस जैसी गुर्दे संबंधित कुछ विषमताओं में विटामिन डी का स्तर कम होता है। साल के अन्य वक्त की तुलना में विटामिन डी का स्तर सर्दी के महीनों में कम होता है। यह शोध अमेरिकन सोसाइटी आफ नेफ्रोलोजी के क्लीनिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है।