कोरोना के कारण बिगड़े हालातों के बीच ट्यूनीशिया में हिंसक प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया है। पहले ही आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे ट्यूनीशिया की कमर महामारी ने तोड़ दी। जिसके कारण अब लोगों के सामने बुनिया जरूरतें पूरी करना भी मुश्किल हो गया है। आर्थिक स्थिति खराब होने के विरोध में देश में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को बर्खास्त कर दिया और संसद की गतिविधियों पर रोक लगा दी है।

ट्यूनीशिया राष्ट्रपति कैस सईद ने संसद के सदस्यों को प्राप्त सभी अधिकारों को भी समाप्त कर दिया और कहा कि वह देश में शांति के लिए शीघ्र ही नए प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा करेंगे। देशभर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद आपात सुरक्षा बैठक बुलाई गई थी और उसके बाद राष्ट्रपति ने यह घोषणा की है। हजारों की संख्या में लोग कोरोना वायरस संक्रमण संबंधी पाबंदियों को तोड़ते हुए भीषण गर्मी में सड़कों पर उतर आए और उन्होंने ‘‘बाहर निकलो’’ के नारे लगाए।

लोगों ने संसद को भंग करने और जल्द चुनाव कराने की मांग की।ये प्रदर्शन देश की स्वतंत्रता की 64वीं वर्षगांठ पर किए गए थे। ट्यूनीशिया राष्ट्रपति कैस सईद ने सरकारी मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदर्शन कर रहे लोगों को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि मैं उन सभी लोगों को चेतावनी देता हूं जो हथियार उठाने की योजना बना रहे हैं। क्योंकि सशस्त्र बल गोलियों का जवाब गोलियों से ही देगा।

राष्ट्रपति के फैसले के बाद लोगों में खुशी की लहर देखी जा रही है। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के बर्खास्त होने पर आर्थिक व सामाजिक सुधाराों का आह्वान किया है।  (इनपुट भाषा से भी)