फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों अपने मेहमान के लिए खुद छाता पकड़ना इतना पसंद कर रहे थे कि उन्होंने बार-बार मांगे जाने पर भी ये दूसरों को नहीं दिया। दरअसल, इलीसी पैलेस के बाहर बारिश हो रही थी। स्लोवाक के प्रधानमंत्री इगोर मैटोविक मैक्रों से मुलाकात से पहले मीडिया से बातचीत कर रहे थे। इस बीच मैक्रों के लिए किसी ने छाता मंगवाया। मैक्रों ने छाता अपने ऊपर न रख स्लोवाक प्रधानमंत्री के ऊपर किया।

वीडियो में देखा जा सकता है कि एक महिला मैक्रों से छाता लेने के लिए कहती हैं। लेकिन मैक्रों मना कर देते हैं। मैक्रों इशारा करते हैं की इसकी कोई जरूरत नहीं है। जब दोनों नेता बातचीत खत्म कर इलीसी पैलेस की ओर लौटते हैं तो एक और सेना का जवान मैक्रों से छाता मांगता है लेकिन मैक्रों अपने मेहमान के ऊपर छाता पकड़े रखते हैं। मैक्रों सेना के जवान को मना कर देते हैं कि इसकी जरूरत नहीं है।

इसके बाद एक और महिला आकर उनसे कहती हैं कि छाता दे दें लेकिन मैक्रों फिर से मना कर देते हैं। हालांकि जब मैक्रों पैलेस में घुसने वाले होते हैं तब छाता दूसरों को दे देते हैं। फिर मास्क पहन कर पैलेस में चले जाते हैं।

ट्विटर पर ये वीडियो वायरल हो रहा है और मैक्रों की विनम्रता की तारीफ हो रही है। इस पर एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि मुझे मैक्रों के मुस्लिमों के प्रति दिए गए बयान सही नहीं लगते हैं। लेकिन इस घटना ने मेरा दिल जीत लिया है।


बता दें कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से आयी भीषण बाढ़ को लेकर भारत के साथ एकजुटता प्रदर्शित की। मैक्रों ने ट्वीट किया, ‘‘उत्तराखंड राज्य में ग्लेशियर टूटने के कारण 100 से ज्यादा लोगों के लापता होने की घटना को लेकर फ्रांस भारत के साथ पूर्ण एकजुटता प्रदर्शित करता है। हमारी संवेदनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ है।’’

नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट कर गिरने के कारण रविवार को धौली गंगा नदी में अचानक बाढ़ आ गई। त्रासदी में अलकनंदा नदी पर बनी पनबिजली परियोजना पूरी तरह बर्बाद हो गई। त्रासदी में अभी तक कम से कम सात लोगों के मरने और 125 लोगों के लापता होने की पुष्टि हुई है, ऐसी आशंका है कि उनकी भी मौत हो चुकी है।