वीरेंदर जुबाल लेखक और एक्टिविस्‍ट हैं, जिहादी नहीं। वह सिख हैं, मुस्लिम नहीं। भारतीय मूल के जुबाल कनाडा में रहते हैं और कभी पेरिस नहीं गए। इसके बाद भी स्‍पेन के सबसे प्रतिष्ठित अखबार ने फ्रंट पेज पर उनका छापा और पेरिस हमले में शामिल बताया। ‘द सिडनी मॉर्निंग हेराल्‍ड’ की रिपोर्ट के मुताबिक, स्‍पेनिश अखबार La Razón में खबर छपने के बाद कई साइट्स ने जुबाल के पेरिस हमले में शामिल होने वाली खबर पोस्‍ट की। इनमें जुबाल के हाथ में कुरान दिखाई दे रही है और पीठ पर सुसाइड जैकेट बंधी हुई दिख रही है। फोटो में कुरान और सुसाइड जैकेट को फोटोशॉप के जरिये डाला गया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जुबाल के हाथ में आईपैड था, जिसे फोटोशॉप के जरिये कुरान बना दिया गया। हालांकि, बाद में अखबार को समझ आ गया कि उसे गलत जानकारी मिली है और उसने माफी भी मांगी।

वीरेंदर के जिस ओरिजनल फोटो से छेड़छाड़ की गई है उसमें वो हाथों में अपना आईपैड थामे नजर आते हैं। इसी तस्वीर को छेड़छाड़ कर बिल्कुल दूसरा रूप दे दिया गया।

Sikh man

वीरेंदर जुबाल को आतंकी बताने वाली झूठी खबर रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। कई वेबसाइट्स ने भी इस खबर को पोस्‍ट किया। वैसे जुबाल खुद सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। टि्वटर पर उनके करीब 10,000 फॉलोअर्स हैं। उन्‍होंने इस संबंध में ट्वीट कर लिखा- ‘फोटोशॉप इमेज के कारण मैं वायरल हो गया, इसमें मुझे आतंकवादी बताया जा रहा है।’ उन्‍होंने आगे लिखा, ‘मेरी यह तस्‍वीर स्‍पेन के एक बड़े अखबार में छपी है, जिसमें मुझे पेरिस हमले में शामिल आतंकी बताया गया है।’ वैसे स्‍पेनिश अखबार ने जुबाल से टि्वटर पर माफी मांग ली है, लेकिन उनसे संबंधित यह खबर इटली समेत कई यूरोपियन साइट्स पर अब भी चल रही है।