उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति इस्लाम करिमोव का शुक्रवार को निधन हो गया। 78 वर्षीय करिमोव को ब्रेन हेमरेज हो गया था। करिमोव खुद को उग्र इस्लाम से बचाने वाले के रूप में देखते थे। हालांकि उनके विरोधियों का मानना है कि वे निर्दयी तानाशाह थे जिन्होंने सत्ता में रहने के लिए यातनाओं का सहारा लिया। करिमोव 27 साल तक उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति रहे। 1991 में उन्होंने सोवियत संघ से आजादी के आंदोलन की अगुवाई की। हालांकि उनके शासन के दौरान उज्बेकिस्तान दुनिया के अन्य देशों से अलग-थलग हो गया। इसकी गिनती तानाशाह शासन वाले देशों में होने लगी थी।
बताया जाता है कि करिमोव ने तैमूरलंग को उज्बेकिस्तान का राष्ट्रीय नायक घोषित किया था। तैमूर 14वीं शताब्दी का मध्य एशिया का शासक था और उसकी पहचान खूंखार और निर्दयी व्यक्ति के रूप में होती है। हालांकि करिमोव ने उग्रवादी इस्लाम के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था। उन्होंने 1996 में उज्बेक संसद में बयान दिया था, ”ऐसे लोगों के सिर में गोली मार देनी चाहिए। यदि जरुरत पड़ी तो मैं खुद उन्हें मार दूंगा।” अमेरिका सहित कई पश्चिमी देशों से उज्बेकिस्तान के रिश्ते तनाव भरे रहे। करिमोव ने एक बार कहा था, ”आजादी और लोकतंत्र के नाम पर हमारे मामलों में दखल मत दो। हमें मत बताइए कि क्या करना है, किससे दोस्ती करनी और खुद को कैसे सुधारना है।”
9/11 के हमलों के बाद बनाए गए एक अमेरिकी सैन्य ठिकाने को करिमोव ने बंद करा दिया था। इसके बाद पश्चिमी देशों ने उज्बेकिस्तान पर कई पाबंदियां लगा दी थी। करिमोव ने किसी को अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाया था। बताया जा रहा है कि नए मुखिया का चयन करिमोव के परिवार के लोग और सीनियर अधिकारी लेंगे। इस दौड़ में शावकात मिर्जियोयेव, रुस्तम अजिमोव, रुस्तम इनायातोव और लोला करिमोवा का नाम शामिल है।