उज्बेकिस्तान ने अपने राष्ट्रपति इस्लाम करीमोव को शनिवार (3 सितंबर) को भारी सुरक्षा के बीच सुपुर्द-ए-खाक किया। उत्तराधिकारी को लेकर कोई स्पष्टता नहीं होने से उनके निधन के बाद मध्य एशियाई देश अनिश्चितता के दौर में जाता प्रतीत हो रहा है। अधिकारियों ने बताया कि करीमोव (78) के निधन का एलान शुक्रवार (2 सितंबर) देर रात किया गया। पिछले हफ्ते उन्हें मस्तिष्काघात हुआ था जिसके बाद वह कोमा में चले गए थे। इसके बाद से यह कयास लगाए जा रहे थे कि अधिकारी उनके निधन की जानकारी सार्वजनिक करने में देरी कर रहे थे। सोवियत संघ से टूट कर स्वतंत्र राष्ट्र बने उज्बेकिस्तान पर करीब 27 वर्षों तक शासन करने वाले करीमोव को उनके गृहनगर समरकंद में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इसी के साथ देश में तीन दिन का शोक शुरू हो गया।
लोकप्रिय सिल्क रोड शहर में मौजूद एएफपी के संवाददाता का कहना है कि पुलिस ने पूरे केन्द्र की किलेबंदी कर दी है और सामान्य नागरिकों तथा कारों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है। उनके इस लंबे तथा क्रूर शासनकाल के बावजूद करीमोव के गृहनगर में लोग उनके निधन से दुखी हैं और कुछ युवकों ने काले कपड़े भी पहने हैं। अपना नाम बताने से इनकार करने वाले एक 58 वर्षीय स्थानीय व्यक्ति ने कहा, ‘जब हमें उनके निधन का पता चला तो मेरा पूरा परिवार… मेरी पत्नी, मेरी बहु और बच्चे सभी रो रहे थे, हमें विश्वास नहीं हो रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘यह सभी उज्बेकों के लिए बड़ी नुकसान है। उन्होंने हमारे देश को स्वतंत्र और विकसित बनाया।’
सरकारी टीवी चैनल ने पहले जानकारी दी थी कि करीमोव के शव को विमान से समरकंद लाया गया। उनकी पत्नी और छोटी बेटी भी आएंगी। रूसी प्रधानमंत्री दिमित्री मेदवेदेव उनके जनाजे में शामिल हुए। उनके साथ ही पूर्व सोवियत गणराज्य के अन्य नेता भी आए जिनमें तजाकिस्तान के राष्ट्रपति ई. रखमोन, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति जी. बर्दीमुखमेदोव और किर्गिजस्तान, बेलारूस और कजाखस्तान के प्रधानमंत्री भी शामिल हैं। उज्बेक कानून के मुताबिक करीमोव के बाद अब सीनेट के प्रमुख निगमातुला युलदशेव अगला चुनाव होने तक देश के राष्ट्रपति बने रहेंगे।
