संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने मानवाधिकार परिषद से बाहर जाने के ट्रंप प्रशासन के फैसले का बचाव करते हुए इस परिषद को सुयंक्त राष्ट्र की ‘‘ सबसे बड़ी असफलता ’’ करार देते हुए आज आरोप लगाया कि संगठन दुनिया के सबसे अमानवीय शासनों को संरक्षण दे रहा है। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से पिछले महीने स्वयं को अलग करते हुए उसे एक पाखंडी संस्था बताया था। उसने आरोप लगाया था कि परिषद गलत करने वाले देशों के प्रति तो चुप्पी साधे हुए है , जबकि गलती नहीं करने वालों को नसीहत दे रहा है और अमेरिका ऐसे पाखंडी संगठन से नसीहतें नहीं लेगा।
गौरतलब है कि अमेरिका के इस फैसले से पहले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के एक अधिकारी ने मैक्सिको से आने वाले आव्रजक परिवारों से उनके बच्चों को छीनने की ट्रंप प्रशासन की नीति की आलोचना की थी। आरोप लगाते हुए कि मानवाधिकार परिषद विवेकपूर्ण तरीके से काम करने की जगह नहीं रह गया है , वह राजनीति का अखड़ा बन गया है , हेली ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का यह संगठन इस्राइल के मामले में गलत रूख अपना रहा है।
हेली ने कहा , वह चीन , वेनेजुएला , क्यूबा और जिम्बाब्वे के मामले में कुछ नहीं कर रहा है। ‘‘ अपने वादे पूरे करने में वह किस हद तक नाकाम रहा है , अगर इसके आधार पर फैसला लिया जाये तो मानवाधिकार परिषद संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी असफलता है।