विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां कहा कि भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने के अपने फैसले से ट्रम्प प्रशासन को अवगत करा दिया है और उन्होंने भरोसा जताया कि अमेरिका इसके औचित्य को समझेगा। रूस के एक पत्रकार ने ‘एस-400 ट्राइअम्फ’ मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के फैसले के कारण भारत पर सीएएटीएसए के तहत अमेरिकी प्रतिबंध लगाए जाने की आशंकाओं के बारे में सवाल किया, जिसके जवाब में जयशंकर ने कहा, ‘‘भारत ने एस-400 पर फैसला कर लिया है और हमने अमेरिकी सरकार से भी इस पर बात की है। मैं उन्हें समझाने-बुझाने की अपनी क्षमता को लेकर आश्वस्त हूं।’’ जयशंकर ने एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज’ के कार्यालय में यहां कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि लोग यह बात समझेंगे कि खासकर यह सौदा हमारे लिए कितना महत्त्वपूर्ण है, इसलिए मुझे लगता है कि मुझसे किया गया आपका यह प्रश्न काल्पनिक है।’’
इस कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने परेड के प्रति अपने जुड़ाव की जानकारी साझा करते हुए कहा कि चीनी सेना की परेड हमेशा से प्रभावित करने वाली रही है। जयशंकर ने चीन की तरफ से कम्युनिस्ट पार्टी के 70 वर्षों की ताकत का प्रदर्शन करने के लिए आयोजित भव्य मार्च के एक दिन बाद चीनी परेड की सराहना की।
बीजिंग में चीनी सेना की विशाल परेड को लेकर पूछे गए प्रश्न पर जयशंकर ने वाशिंगटन के श्रोताओं से कहा, ‘‘चीनी परेड हमेशा से ही बहुत प्रभावशाली रही हैं। जयशंकर ने याद किया कि चीन में भारत के शीर्ष राजनयिक के तौर पर उन्होंने 10 साल पहले ऐसी एक परेड देखी थी। उन्होंने कहा, ‘‘चीन में 10 साल पहले हुई एक परेड के वक्त में वहां था। मैं चीन में भारतीय राजदूत के तौर पर वहां पहुंचा ही था। मैंने 60वीं वर्षगांठ की परेड देखी थी।’’ जयशंकर ने लोगों के ठहाकों के बीच कहा, ‘‘ मैंने ताउम्र परेड देखी हैं। दरअसल मेरे पिता परेड आयोजित करने के काम में थे। इसलिए मैं, असल में हम चारों आगे की सीट पर बैठकर परेड देखा करते थे।’’

