अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अगले माह वॉशिंगटन आने का न्यौता दिया है और इस्राइली नेता ने उनके इस न्यौते को स्वीकार कर लिया है। ट्रंप के कार्यालय ने रविवार (22 जनवरी) को जारी एक बयान में कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू को फरवरी में वॉशिंगटन आकर उनसे मिलने का निमंत्रण दिया है। यात्रा की तिथि आने वाले समय में तय होगी।’ एपी की खबर के अनुसार, नेतन्याहू ने ट्रंप के इस न्यौते को इस उम्मीद के साथ स्वीकार किया है कि इससे उनके साथ क्षेत्र के लिए विभिन्न मुद्दों पर एक ‘साझा नजरिया’ विकसित करने में मदद मिलेगी। इसमें कब्जे वाले क्षेत्र में बस्तियों के निर्माण के विस्तार और ईरान के प्रति कड़ी नीति का मुद्दा शामिल है। इस्राइल ने रविवार को ट्रंप के कार्यालय से फोन आने से पहले पूर्वी यरूशलम में नई बस्ती के सैकड़ों घरों को मंजूरी दी थी। हालांकि इस बस्ती को एकपक्षीय तरीके से मिला लेने की योजना को ट्रंप और नेतन्याहू की मुलाकात तक के लिए टाल दिया गया है।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने वेस्ट बैंक की सबसे बड़ी बस्तियों में से एक को मिलाने के प्रस्ताव पर मतदान को कुछ समय के लिए टालते हुए वॉशिंगटन जाने की अपनी योजना की घोषणा कर दी। ऐसा माना जा रहा है कि वह अमेरिका के नए प्रशासन के साथ फलस्तीनियों के प्रति अपनी नीति के समन्वय के लिए जा रहे हैं। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं को ज्यादा जानकारी दिए बिना कहा कि इस्राइली प्रधानमंत्री के साथ उनकी बातचीत बहुत अच्छी रही। नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा, ‘दोनों नेताओं ने ईरान के साथ किए गए परमाणु समझौते पर, फलस्तीनियों के साथ शांति प्रक्रिया पर और अन्य मुद्दों पर चर्चा की।’ कार्यालय ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा के प्रति साझा दृष्टिकोण आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जाहिर की है।’ ट्रंप ने अपने प्रचार अभियान के दौरान इस्राइल को कड़ा समर्थन देने और यरूशलम के विवादित दर्जे के बावजूद उसे देश की राजधानी बनाने का संकल्प लिया था।

