कैलिफोर्निया में हुए जनसंहार के बाद से सहमे अमेरिकियों को आश्वासन देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस्लामिक स्टेट को नष्ट करने का संकल्प लिया है। उन्होंने एक संबोधन में सोमवार को कहा कि अमेरिका में और विश्वभर में लोगों के ‘दिमागों में जहर भरने’ की कोशिश करने वाले आतंकवाद के इस ‘नए चरण’ से निपटा जाएगा। वाइट हाउस के ओवल ऑफिस से राष्ट्र के नाम दिए गए दुर्लभ संबोधन में ओबामा ने कहा कि आतंकवाद का खतरा वास्तविक है। लेकिन अमेरिका इससे निपट लेगा। हालांकि उन्होंने ‘मौत के पंथ’ को हराने के लिए सीरिया और इराक में बड़े स्तर पर सैनिकों को भेजने की संभावना को खारिज कर दिया। ओबामा ने कहा कि आइएसआइएस को नष्ट करने की उनकी रणनीति को अमेरिकी सेना के कमांडरों और आतंकवाद रोधी विशेषज्ञों ने तैयार किया है। इस रणनीति को अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल 65 देशों का समर्थन प्राप्त है।
ओबामा ने कहा, हम आइएसआइएल (आइएसआइएस का अन्य नाम) और हर उस संगठन को नष्ट कर देंगे, जो हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा। हमारी सफलता तीखी बातचीत या हमारे मूल्यों को छोड़ देने या डर कर हार मान लेने पर निर्भर नहीं करेगी। आइएसआइएल जैसे समूह ऐसा होने की ही उम्मीद लगा रहे हैं। लेकिन इसके बजाय, हम मजबूत और समझदार, पुन: वापस उठने वाले और कठोर बनकर प्रबल साबित होंगे। इसके लिए हम अमेरिकी शक्ति के हर पहलू से लाभ लेंगे।
प्राइम टाइम में दिए गए संबोधन में ओबामा ने कहा, हमें एक बार फिर इराक या सीरिया में जमीनी स्तर की लंबी और महंगी लड़ाई में नहीं उतरना चाहिए। आइसआइएल जैसे समूह यही चाहते हैं। वे जानते हैं कि वे युद्ध के मैदान में हमें हरा नहीं सकते। आइएसआइएल के लड़ाके उस उग्रवाद का हिस्सा थे, जिसका सामना हमने इराक में किया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, लेकिन वे भी जानते हैं कि अगर हम विदेशी जमीनों पर नियंत्रण कर लेते हैं तो वे वर्षों तक उग्रवाद को बनाए रख सकते हैं, हमारे हजारों सैनिकों को मार सकते हैं और हमारे संसाधनों को नष्ट कर सकते हैं और हमारी मौजूदगी का इस्तेमाल नई भर्तियां करने के लिए कर सकते हैं।
ओबामा ने कहा, अभी हम हवाई हमलों, विशेष बलों और अपने देश में वापस नियंत्रण हासिल करने के लिए लड़ रहे स्थानीय बलों के साथ मिलकर काम करने की जिस रणनीति का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसी के जरिए हम एक स्थायी जीत हासिल करेंगे। इसके लिए हमें अमेरिकी नागरिकों की एक नई पीढ़ी को एक और दशक के लिए लड़ने और मरने के लिए विदेशी धरती पर भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
ओबामा ने कहा कि आइएसआइएस इस्लाम की बात नहीं करता। उन्होंने विश्वभर के इस्लामी नेताओं से अपील की कि वे आतंकी संगठन और इसकी विचारधारा के खिलाफ बोलें। ओबामा ने कैलिफोर्निया की गोलीबारी को आतंकी कृत्य करार दिया। इस घटना के तहत एक चरमपंथी दंपति पाकिस्तानी नागरिक ताशफीन मलिक और उसके पति पाकिस्तानी मूल के सैयद रिजवान फारूक ने 14 लोगों की हत्या कर दी थी।
ओबामा ने दो संदिग्धों के संदर्भ में कहा, अभी तक ये साक्ष्य नहीं मिले हैं कि हत्यारों को किसी विदेशी आतंकी संगठन से निर्देश मिले थे या वे यहां किसी विस्तृत षडयंत्र का हिस्सा थे। आइएसआइएस ने इस दंपति को अपने स्वघोषित खलीफा शासन का ‘सैनिक’ बताते हुए सराहना की है। पिछले सात साल के कार्यकाल में ओवल ऑफिस से यह ओबामा का महज तीसरा भाषण था। पिछले दो संबोधन वर्ष 2010 में दिए गए थे। उनमें डीपवॉटर होराइजन में तेल का रिसाव और इराक में लड़ाकू अभियानों के अंत की बात कही गई थी। ओबामा ने आइएस को हराने की अपनी रणनीति का बचाव मजबूती के साथ किया। लेकिन अमेरिकी नीति में किसी परिवर्तन की पेशकश उन्होंने नहीं की।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, पेरिस में हमलों के बाद से, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन समेत हमारे करीबी सहयोगियों ने हमारे सैन्य अभियान में अपने योगदान बढ़ा दिए हैं, जो कि आइएसआइएल को हराने के हमारे प्रयास को गति देने में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा, दूसरे, हम जमीनी स्तर पर आइएसआइएल से लड़ रहे इराकी और सीरियाई बलों के हजारों सैनिकों को प्रशिक्षण और उपकरण देना जारी रखेंगे ताकि हम आतंकियों के शरणस्थलों को नष्ट कर दें। दोनों ही देशों में अमेरिका विशेष अभियान बलों को तैनात कर रहा है जो कि इस आक्रमण को तेज कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, हमने पेरिस में हमलों के बाद से इस प्रयास को और तेज कर दिया है और हम जमीनी स्तर पर कारगर साबित होने वाले तरीकों में और अधिक निवेश जारी रखेंगे। तीसरे, हम अपने सहयोगियों और मित्रों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि आइएसआइएल के अभियानों को रोका जा सके, उनकी योजनाओं को नष्ट किया जा सके, उन्हें मिलने वाली वित्तीय मदद को खत्म किया जा सके और उन्हें अधिक लड़ाके भर्ती करने से रोका जा सके। उन्होंने कहा, हम अपनी रणनीति को लगातार परखते रहते हैं ताकि अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए जरूरी कदम इसमें जोड़े जा सकें।
ओबामा ने कहा कि अगर रिपब्लिकन बहुमत वाली कांग्रेस का मानना है कि अमेरिका आइएसआइएल के साथ युद्धरत है, उसे आगे बढ़ना चाहिए और इन आतंकियों के खिलाफ हो रहे सतत सैन्य प्रयोग को अधिकृत करने के लिए मतदान करवाना चाहिए। ओबामा ने कहा कि वे मानते हैं कि अमेरिका आइएसआइएल के साथ युद्धरत है।
उन्होंने कहा, एक साल से भी अधिक समय तक के लिए मैंने अपनी सेना को आइएसआइएल के ठिकानों पर हजारों हवाई हमले करने का आदेश दिया है। मुझे लगता है कि कांग्रेस के लिए समय आ गया है कि वह मतदान के जरिए यह दिखा दे कि अमेरिकी जनता इस युद्ध के प्रति एकजुट और प्रतिबद्ध है। लेकिन ओबामा ने जमीनी स्तर पर बड़ी संख्या में सैनिकों को भेजने की संभावना खारिज कर दी। रिपब्लिकनों ने ओबामा की आलोचना की है कि उन्होंने इस्लामिक स्टेट को हराने की कोई स्पष्ट कार्ययोजना पेश नहीं की। वहीं राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के प्रबल दावेदार डोनाल्ड ट्रंप ने यह कहकर ओबामा पर निशाना साधा कि उन्होंने यह बात कहने से परहेज किया है कि अमेरिका ‘चरमपंथी इस्लामी आतंकियों के साथ युद्धरत है’।
ओबामा ने कहा कि आइएसआइएस इस्लाम की बात नहीं करता। उन्होंने दुनियाभर के मुस्लिमों से अपील की है कि वे इसकी घृणास्पद विचारधारा को खारिज कर दें। ओबामा ने कहा, आइएसआइएस इस्लाम की बात नहीं करता। वे ठग और हत्यारे हैं जो मौत के पंथ का हिस्सा हैं और वे विश्वभर में मौजूद एक अरब से भी से अधिक मुसलमानों का एक बहुत छोटा-सा हिस्सा भर हैं। विश्वभर के मुसलमानों में लाखों देशभक्त मुस्लिम-अमेरिकी भी हैं, जो कि उनकी घृणास्पद विचारधारा को खारिज करते हैं। हालांकि ओबामा ने कहा कि इसका यह अर्थ नहीं है कि इस तथ्य से इनकार कर दिया जाए कि कट्टरपंथी विचारधारा कुछ मुस्लिम समुदायों में फैल गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह एक वास्तविक समस्या है जिसका मुसलमानों को बिना कोई बहाना दिए सामना करना चाहिए।
ओबामा ने कहा, यहां और विश्वभर में मुसलमान नेताओं को हमारे साथ मिलकर काम करना जारी रखना होगा ताकि उस घृणास्पद विचारधारा को निर्णायक और स्पष्ट तरीके से खारिज किया जा सके जिसे आइएसआइएस और अलकायदा जैसे संगठन प्रोत्साहित करते हैं और न केवल हिंसा के खिलाफ बल्कि इस्लाम की उन व्याख्याओं के खिलाफ भी बोला जा सके जो धार्मिक सहिष्णुता, आपसी सम्मान और मानवीय प्रतिष्ठा के मूल्यों के अनुरूप नहीं हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन जिस तरह यह विश्व भर के मुसलमानों की जिम्मेदारी है कि वे कट्टरवाद के मार्ग पर ले जाने वाले गलत विचारों को जड़ से समाप्त करें, उसी तरह यह प्रत्येक धर्म के सभी अमेरिकियों की जिम्मेदारी है कि वे भेदभाव नहीं करें।
ओबामा ने कहा, यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन लोगों की धार्मिक परीक्षाएं न लें जिन्हें हम इस देश में प्रवेश देते हैं। इन प्रस्तावों को खारिज करना हमारी जिम्मेदारी है कि मुस्लिम-अमेरिकियों के साथ अलग तरीके से व्यवहार किया जाना चाहिए। क्योंकि जब हम इस मार्ग पर जाते हैं, तब हम हारते हैं। इस प्रकार के भेदभाव हमारे मूल्यों के साथ धोखा करते हैं और आइएसआइएल जैसे संगठन इसका फायदा उठाते हैं।
अमेरिका के मुस्लिम समुदाय ने ओबामा के ओवल ऑफिस से दिए गए भाषण में उनके द्वारा ‘इस्लामोफोबिया’ को खारिज किए जाने का स्वागत किया है। अमेरिका के सबसे बड़े मुस्लिम नागरिक अधिकार संगठन काउंसिल आॅन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशन्स (सीएआइआर) के राष्ट्रीय कार्यकारी निदेशक निहाद अवाद ने कहा, अमेरिकी मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाकर हाल में अंजाम दी गई घृणित घटनाओं और चर्चित हस्तियों द्वारा बोले गए घृणित शब्दों के बीच, हम राष्ट्रपति ओबामा के इस कड़े बयान का स्वागत करते हैं, जिसमें उन्होंने मुस्लिम-विरोधी ‘संदेह और घृणा’ को खारिज करते हुए राष्ट्रीय एकजुटता की अपील की है। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति ने स्पष्ट तरीके के साथ आइएसआइएस के उन ठगों से इस्लाम को अलग किया, जो कि सभी अमेरिकियों और पूरी दुनिया के मुस्लिमों के साझे शत्रु हैं।
जो हमें नुकसान पहुंचाएगा, उसे छोड़ेंगे नही:
हम आइएसआइएल (आइएसआइएस का अन्य नाम) और हर उस संगठन को नष्ट कर देंगे, जो हमें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा। हमारी सफलता तीखी बातचीत या हमारे मूल्यों को छोड़ देने या डर कर हार मान लेने पर निर्भर नहीं करेगी। आइएसआइएल जैसे समूह ऐसा होने की ही उम्मीद लगा रहे हैं। लेकिन इसके बजाय, हम मजबूत और समझदार, पुन: वापस उठने वाले और कठोर बनकर प्रबल साबित होंगे। इसके लिए हम अमेरिकी शक्ति के हर पहलू से लाभ लेंगे।