अमेरिकी कांग्रेस के एक आयोग ने चेतावनी दी है कि चीन अपनी नई मिसाइल जरिए प्रशांत क्षेत्र में मौजूद गुआम सैन्य ठिकाने को तहस-नहस कर सकता है। अमेरिका-चीन आर्थिक एवं सुरक्षा समीक्षा आयोग ने इस सप्ताह जारी रिपोर्ट में डीएफ-26 बैलेस्टिक मिसाइल के खतरों को लेकर चेताया है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, आयोग ने कहा कि चीन की डीएफ-26 मिसाइल बीजिंग को बहुत अधिक ताकत देती है और अमेरिका के कई स्थल इसके मारक दायरे में आते हैं। इसकी मारक क्षमता 5,500 किलोमीटर है। जानकारों ने इस मिसाइल को ‘गुआम किलर’ मिसाइल का नाम दिया है। इसे पिछले साल सितंबर में बीजिंग में सैन्य शक्ति के प्रदर्शन के दौरान दुनिया के सामने पहली बार लाया गया था।
अमेरिका ‘गुआम किलर’ को इसलिए भी ज्यादा चिंतित है, क्योंकि गुआम सैन्य अड्डा किसी और देश में नहीं बल्कि उसी के देश की सीमा में हैं। मतलब यह हुआ कि चीन अब अमेरिका के भीतर घुसकर उसके सैन्य ठिकानों को निशाना बना सकता है।
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इससे पहले यूएस डिफेंस डिपार्टमेंट ने ‘चाइना मिलिट्री एक्टिविटीज इन 2015’ नाम की वार्षिक रिपोर्ट कांग्रेस में पेश की थी। इसमें भी चीन की बढ़ती ताकत के बारे में बताया गया है।
अमेरिका के लिए कई और चुनौती भी पेश कर रहा है चीन
-पेंटागन की रिपोर्ट कहती है कि चीन ने साउथ चाइना सी में 3200 एकड़ जमीन पर फिर से कब्जा कर लिया है।
-साउथ चाइना सी में चीन जो कृत्रिम द्वीप बनाए हैं, उन पर उसने 9,800 फीट लंबे रन-वे तैयार कर लिए हैं।
-ईस्ट एशिया के डिप्टी असिस्टेंट सेक्रेटरी अब्राहम डेनमार्क ने बताया, “चीन लगातार सैन्य शक्ति में इजाफा कर रहा है।
-चीन ने अप्रैल 2016 में पहली बार साउथ चाइना सी के विवादित द्वीप पर मिलिट्री एयरक्राफ्ट की लैंडिंग कराई थी।
-चीन साउथ चाइना सी में 12 नॉटिकल माइल इलाके पर हक जताता है। इसी जलक्षेत्र के बीच चीन कृत्रिम द्वीप बना लिए हैं।
-चीन के अलावा दक्षिण-पूर्व एशिया के कई देश (ताइवान, फिलीपींस, वियतनाम और मलेशिया) भी इस इलाके पर अपना दावा जताते हैं।
-साउथ चाइना सी के बारे में कहा जाता है कि यहां तेल और गैस के बड़े भंडार हैं। अमेरिका के मुताबिक, इस इलाके में 213 अरब बैरल तेल और 900 ट्रिलियन क्यूबिक फीट नेचुरल गैस का भंडार है।