अमेरिका में रविवार दोपहर को एक शख्स ने खुद को इजरायल दूतावास के सामने आग लगा ली। इस घटना की पुष्टि अथॉरिटी द्वारा की गई है। आग पर काबू पाने के बाद उस व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग के प्रवक्ता ने बताया है कि शख्स की हालत गंभीर बनी हुई है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उस व्यक्ति ने आग लगाने से पहले कहा कि मैं अब गाजा के नरसंहार में शामिल नहीं होऊंगा। साथ ही, उसने बार-बार कहा कि फिलिस्तीन को मुक्त करो। उसके पास खड़े कुछ अधिकारियों ने तीन फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को बुलाया और आग बुझाई। टास्क एंड पर्पस की एक रिपोर्ट के अनुसार, घटना के दौरान पुलिस अधिकारियों ने उस व्यक्ति पर बंदूक भी तान दी थी। हालांकि, अभी तक उस व्यक्ति की पहचान की पुष्टि नहीं हो पाई है और उसकी पहचान को सार्वजनिक भी नहीं किया गया है। एक अधिकारी ने कहा कि कोई भी दूतावास का कर्मचारी घायल नहीं हुआ है और सभी लोग एकदम सुरक्षित हैं।

7 अक्टूबर को हमास द्वारा गाजा में किए गए आतंकवादी हमले पर इजरायली सेना की जवाबी कार्रवाई के बाद दूतावास के बाहर कई बार विरोध प्रदर्शन देखा गया है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने द टेलीग्राफ को बताया कि खुद को आग लगाने से पहले वह व्यक्ति कुछ बड़बड़ा रहा था। उन्होंने कहा कि वह व्यक्ति कोई भी झंडा या कोई अन्य वस्तु लेकर नहीं आया था।

इजरायल-हमास युद्ध

हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर रॉकेट से हमला कर दिया था। इस दौरान हमास ने 5 हजार रॉकेट दागने का दावा किया था। साथ ही, फिलिस्तीन के 242 लोगों को बंदी बना लिया था। इस हमले के दौरान कई इजरायली नागरिकों की मौत हो गई है। हमास हमले के बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करने की ठान ली थी। इजरायल ने तत्काल गाजा पट्टी की घेराबंदी कर दी और हवाई हमले शुरू कर दिए। पश्चिमी सहयोगियों ने गाजा पर इजरायल की बमबारी का समर्थन किया। वहीं, दूसरी तरफ ईरान समेत कई मुस्लिम देशों ने फिलिस्तीनियों के खिलाफ हमले की निंदा की थी।

इजरायली हमले में गाजा की लगभग 90 प्रतिशत आबादी दूसरी जगह पर विस्थापित हो गई है और 1 प्रतिशत की मौत हो गई। 80 फीसदी घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। नवंबर में सात दिनों के सीजफायर के दौरान 105 बंधकों और 240 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ दिया गया था। लेकिन उसके बाद से फिर इजरायल-हमास युद्ध जारी है।