अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा है कि नवीकरणीय ऊर्जा की धूम सिर्फ औद्योगीकृत देशों तक ही सीमित नहीं है क्योंकि भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने विकसित दुनिया के मुकाबले इस तरह की प्रौद्योगिकियों में ज्यादा निवेश किया है। केरी ने यहां संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता में पर्यावरोन्मुखी प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर जोर देते हुए कहा भारत में दम्मा के तकरीबन दो करोड़ नए मामले कोयला संबंधित वायु प्रदूषण से जुड़े हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, ‘अब, नवीकरणीय ऊर्जा की धूम औद्योगीकृत देशों तक ही सीमित नहीं है और यह एक अहम बात है। दरअसल, चीन, भारत और ब्राजील जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं ने नवीकरणीय प्रौद्योगिकियों में पिछले साल विकसित विश्व से कहीं ज्यादा का निवेश किया है।’
उन्होंने अपने भाषण में कहा, ‘अकेले चीन ने 100 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया। उम्मीद की जा रही है कि आखिरकार स्वच्छ ऊर्जा खरबों डॉलर का बाजार होगा – दुनिया में अब तक का ज्ञात सबसे बड़ा बाजार। और कोई देश हाशिए पर बैठ कर, स्वच्छ-ऊर्जा विस्फोट के फायदे हासिल करने से अपने कारोबार को पंगु बना कर अच्छा नहीं करेगा।’ केरी ने कहा कि दुनिया पहले ही बेहद तेज रफ्तार से बदल रही है जिसका बेहद अहम नतीजे होंगे। उन्होंने कहा कि वैश्विक तापमान में इजाफे के प्रभाव अब दुनिया भर में महसूस किए जा रहे हैं। भारत से ब्राजील और अमेरिका के पश्चिमी तट तक अकाल रेकॉर्ड तोड़ रहे हैं। समुद्री स्तर में इजाफा हो रहा है, अस्वाभाविक तूफान आ रहे हैं और मौसम से जुड़ी घटनाओं से लाखों लोग विस्थापित हो रहे हैं।