अमेरिकी चुनाव को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। राष्ट्रपति उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के प्रचार अभियान टीम ने दावा कर दिया है कि ईरान इस बार के चुनाव में हस्तक्षेप करने वाला है, उसके खरीदे हुए हैकर्स अमेरिका के सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स को हासिल कर लेंगे। असल में कुछ दिन पहले ही माइक्रोसॉफ्ट की एक रिपोर्ट सामने आई थी, उसी में ईरानी हैकर्स का जिक्र था जिसके बाद ट्रंप की प्रचार टीम ने भी उस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
US Election को हैक करने की बड़ी साजिश!
रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से दावा हुआ है कि ईरान की वर्तमान सरकार ने ना सिर्फ कुछ गोपनीय डॉक्यूमेंट्स इकट्ठा किए हैं बल्कि उनकी तरफ से उन्हें बांट भी दिया गया है। अब यह बड़ी बात इसलिए है क्योंकि अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप का इतिहास पुराना है। कौन भूल सकता है कि पिछले चुनाव के दौरान कैंब्रिज एनालिटिका पर आरोप लगा था कि उसने डोनाल्ड ट्रंप की जीत में एक अहम भूमिका निभाई, उसने अमेरिका के लोगों का ही जरूरी डेटा ट्रंप की टीम उपलब्ध करवाया था।
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ट्रंप और ईरान के खराब रिश्ते
अब स्थिति बदल चुकी है, डोनाल्ड ट्रंप फिर सत्ता में आना चाहते हैं और उनके विरोधी उन्हें रोकने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। ऐसा ही एक विरोधी ईरान भी है क्योंकि उसके ट्रंप के साथ रिश्ते समय के साथ सिर्फ बिगड़ते रहे हैं। असल में जब ट्रंप राष्ट्रपति थे, उनकी तरफ से ईरान पर कई प्रतिबंध लगाए गए थे, उसी बाद से मुस्लिम देश नाराज चल रहा था और अब माना जा रहा है कि वो किसी भी कीमत पर ट्रंप को वापस लौटने नहीं दे सकता।
माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट में क्या है?
वैसे बड़ी बात यह है कि जिस माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट को लेकर सारा बवाल चल रहा है, उस कंपनी ने ही अपने दावे में ट्रंप का जिक्र तक नहीं किया है। उसने तो सिर्फ इतना कहा था कि सीक्रेट दस्तावेज और संवाद लीक हुए हैं, लेकिन ट्रंप की टीम ने दावा किया है कि उनके अभियान को ही हैक करने की साजिश रची गई है। जानकारी के लिए बता दें कि इस नवंबर में ही अमेरिकी चुनाव होने जा रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप का मुकाबला डेमोक्रेट्स की कमला हैरिस से रहने वाला है, पहले बाइडेन चुनावी रेस में खड़े थे, लेकिन ऐन वक्त पर दबाव और विवाद के बाद उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया।
