दक्षिण चीन सागर में अमेरिका और चीन के बीच सैन्य तनाव जारी है। दोनों देशों के बीच हाल सैन्य गतिविधियों को देखकर अमेरिका और सोवियत संघ के बीच शीतयुद्ध के दौर की यादें ताजा हो गई हैं। चीन की तरफ से हाल ही में बैलेस्टिक मिसालइ दागे जाने के बाद अमेरिका की तरफ से जासूसी विमान ड्रैगन लेडी ने दक्षिण चीन सागर के ऊपर से उड़ान भरी।

अमेरिका की ड्रैगन लेडी को देखकर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी में बेचैनी देखी जा रही है। अमेरिका के यू-2 जासूसी विमान ने दक्षिण कोरिया की तरफ से उड़ान भर चीन की सैन्य कार्रवाई का जायजा लिया। यूएस एयरफोर्स की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया कि अमेरिकी विमान ने दक्षिण कोरिया के ओसान एयरबेस से उड़ान तो भरी लेकिन उसने चीनी वायु सीमा का उल्लंघन नहीं किया। यूएस एयरफोर्स ने अपने बयान में कहा कि कोई भी देश एकतरफा नो फ्लाइ जोन घोषित नहीं कर सकता है।

ट्रंप प्रशासन दक्षिण चीन सागर में चीन की संप्रुभता के दावे का लगातार विरोध कर रहा है। अमेरिका और चीन के बीच लगातार इस मुद्दे पर तल्खी देखने को मिल रही है। इससे पहले चीन ने दक्षिण चीन सागर में अपनी पूर्व घोषित अभ्यास गतिविधियों को चार मध्यम दूरी की मिसाइलें दागी थीं।

चीन की ओर से ये मिसाइलें हैनान द्वीपसमूह और पारासेल द्वीपसमूह के बीच वाले इलाकों में दागी गई थीं। इसके बाद पेंटागन ने कहा था कि रक्षा मंत्रालय दक्षिण चीन सागर में पारासेल द्वीपसमूह के आस-पास 23 से 29 अगस्त के बीच बैलिस्टिक मिसाइलों के परीक्षण समेत अन्य सैन्य अभ्यास करने के चीन के हालिया फैसले को लेकर चिंतित है।

पेंटागन ने कहना था कि दक्षिण चीन सागर में विवादित क्षेत्र में सैन्य अभ्यास करना तनाव कम करने और स्थिरता को बरकरार रखने के उलट है। साथ ही यह भी कहा था कि मिसाइल परीक्षणों समेत चीन की अन्य कार्रवाई दक्षिण चीन सागर में स्थिति को और अस्थिर करती है। ऐसे अभ्यास दक्षिण चीन सागर में पक्षों के आचरण पर 2002 की घोषणा के तहत चीन की प्रतिबद्धताओं का भी उल्लंघन करते हैं।

यह घोषणा उन गतिविधियों से बचने के लिए की गई थी जो विवादों को और जटिल बना सकती हैं या बढ़ा सकती हैं। साथ ही शांति एवं स्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं। साथ ही यह चीन और आसियान के बीच आचार संहिता के लिए जारी वार्ता के साथ उसकी मंशा पर सवाल उठाता है।

पेंटागन ने कहा कि यह सैन्य अभ्यास दक्षिण चीन सागर में गैरकानूनी समुद्री दावों पर जोर देने और अपने दक्षिणपूर्वी एशियाई पड़ोसियों को नुकसान पहुंचाने के लिए चीन की ओर से लगातार की जा रही कार्रवाइयों में से हालिया कार्रवाई है। पेंटागन ने कहा कि उसने जुलाई में चीन को चौकन्ना किया था कि वह स्थिति की निगरानी करना जारी रखेगा।

इस उम्मीद के साथ की चीन दक्षिण चीन सागर में अपनी सैन्यीकरण की कार्रवाई और पड़ोसियों पर दबाव को कम करेगा। पेंटागन ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कार्यबल एलिस की तैनाती करने की भी घोषणा की है जो नवंबर 2020 तक वहां सुरक्षा सहयोग गतिविधियों का संचालन करेगा।