संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने वैश्विक आतंकवाद पर चिंता जताते हुए चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान में तालिबान की जीत दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अन्य समूहों के हौसले बुलंद कर सकती है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र चाहता है कि अफगानिस्तान अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सकारात्मक भूमिका निभाए, जिसके लिए तालिबान के साथ संवाद बहुत जरूरी है।

तालिबान के सदस्यों ने अगस्त महीने में अफगानिस्तान पर अपना नियंत्रण कर लिया और पश्चिमी देशों द्वारा समर्थित पिछली सरकार को सत्ता से बेदखल होने पर मजबूर कर दिया। गुतारेस ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हम जो देख रहे हैं, उससे मैं बहुत चिंतित हूं। अफगानिस्तान में तालिबान की जीत दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अन्य समूहों के हौसले बुलंद कर सकती है, भले ही वे समूह तालिबान से अलग हैं और मुझे उनमें कोई समानता नजर नहीं आती।’

उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में वह साहेल जैसे परिदृश्यों को लेकर बहुत चिंतित हैं जहां ‘आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए हमारे पास आज कोई प्रभावी सुरक्षा प्रणाली नहीं हैं’ और इसलिए आतंकियों की पकड़ मजबूत हो रही है। दुनिया के दूसरे हिस्सों के बारे में भी यह कहा जा सकता है। साहेल अफ्रीका का एक क्षेत्र है। गुतारेस ने कहा, ‘अगर कोई समूह है, भले ही छोटा है, जिसे कट्टर बनाया गया है और जो हर हालात में मरने को तैयार है, जो मौत को अच्छी बात मानता है, यदि ऐसा समूह किसी देश पर हमले का फैसला करता है तो हम देखते हैं कि सेनाएं भी उनका सामना करने में असमर्थ हो जाती हैं और मैदान छोड़ देती हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि भारत की अहम क्षेत्रीय किरदार के तौर पर भूमिका है। अमेरिका और भारत के अफगानिस्तान में निवेश के इतिहास का उस देश के भविष्य पर सकारात्मक असर पड़ सकता है जो अब तालिबान के कब्जे में है। उन्होंने कहा कि अमेरिका का अब ध्यान भारत जैसे ‘सामन विचार वाले साझेदारों और लोकतंत्रों’ के साथ मिलकर अफगानिस्तान की जनता की भलाई के अध्याय पर है।

लंदन में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के हिंदी/उर्दू प्रवक्ता तरार ने कहा, ‘भारत को क्षेत्रीय साझेदार होने के नाते भूमिका निभानी है और मानवीय भूमिका और पूर्ववर्ती निवेश में भूमिका एक तथ्य है जिसका सकारात्मक असर अफगानिस्तान के भविष्य पर पड़ सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के निर्वाचित सदस्य के नाते भारत को भूमिका निभानी है। हम भारत के साथ इस मुद्दे पर न्यूयॉर्क, नई दिल्ली और वाशिंगटन में करीब से परामर्श कर रहे हैं।’