संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के पांचवे परमाणु परीक्षण की कड़ी निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए एक ‘खतरा’ बताया है और उसके खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय संस्था ने उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण से उपजी ‘गंभीर स्थिति’ से निपटने के लिए शुक्रवार (9 सितंबर) को यहां आपात विमर्श आयोजित किया। उत्तर कोरिया के इस परीक्षण को अब तक का उसका सबसे शक्तिशाली परीक्षण माना जा रहा है।
परीक्षण की कड़ी निंदा करते हुए परिषद ने कहा कि यह सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों एवं परमाणु अप्रसार का स्पष्ट उल्लंघन और अपमान है। इसलिए यह अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा पर मंडराने वाला खतरा है, जो आज भी मौजूद है। परिषद के सदस्यों ने कहा कि वे पहले भी उत्तर कोरिया द्वारा कोई अन्य परमाणु परीक्षण किए जाने की सूरत में ‘और प्रतिबंध’ लगाने की प्रतिबद्धता जता चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘इस प्रतिबद्धता के तहत और इस उल्लंघन के चलते सुरक्षा परिषद के सदस्य उपयुक्त कदम उठाने की दिशा में तत्काल काम करना शुरू कर देंगे।’
अमेरिका और फ्रांस ने परिषद के सदस्यों से उत्तर कोरिया के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने की अपील करते हुए कहा कि एक के बाद एक परीक्षण अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति ‘पूर्ण अपमान’ दर्शाते हैं। मौजूदा परमाणु परीक्षण को खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन से भी कहीं आगे बताते हुए संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत सामंथा पावर ने कहा कि परिषद को एक ‘स्पष्ट, एकजुट और कड़ा संदेश देना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय कभी भी परमाणु क्षमता से संपन्न उत्तर कोरिया को स्वीकार नहीं करेगा। परिषद को आगे, निर्णायक कदम उठाने चाहिए, जो उत्तर कोरिया को अपना गणित बदलने के लिए विवश करे।’
पावर ने कहा कि परिषद नए प्रतिबंधों समेत अतिरिक्त महत्वपूर्ण कदम उठाएगा ताकि उत्तर कोरिया को यह दिखाया जा सके कि ‘उसे उसके अवैध और खतरनाक गतिविधियों के परिणाम’ भुगतने होंगे। संयुक्त राष्ट्र में चीन के राजदूत लियू जेई ने संवाददाताओं से कहा, ‘सभी पक्षों को आपसी उकसावे और स्थिति को बिगाड़ सकने वाली हर गतिविधि से बचना चाहिए।’ फ्रांस के राजदूत फ्रांस्वा देलातरे ने कहा कि उत्तर कोरिया का हालिया परमाणु परीक्षण उकसावे से कहीं ज्यादा है। उन्होंने कहा, ‘उत्तर कोरिया को अपने कृत्यों और उकसावों का परिणाम भुगतना होगा।’ उन्होंने कहा कि नए प्रतिबंध ‘अपरिहार्य’ हैं।