रूसी सैनिक शनिवार को यूक्रेन की राजधानी कीव में घुस गए हैं। हालांकि इस जंग में यूक्रेन के सैनिक, रूसी सेना का जबरदस्त प्रतिरोध कर रहे हैं। कई मौकों पर रूस के सैकड़ों सैनिकों के सामने भी यूक्रेनी सैनिक डटे दिखे हैं, जिससे आसान सी लगने वाली ये जंग रूस के लिए कठिन बनती दिख रही है। इसी क्रम में रूसी सैनिकों को रोकने के लिए एक यूक्रेनी सैनिक के बलिदान की हर ओर चर्चा हो रही है। वहीं अमेरिका के देश से निकालने में मदद के प्रस्ताव पर यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा है कि वो देश छोड़कर नहीं जाएंगे, अमेरिका हथियारों से मदद करे।
जब सैनिक ने खुद को उड़ाया- यूक्रेन के एक सैनिक ने रूसी टैंकों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए दक्षिणी प्रांत खेरसॉन में एक पुल को नष्ट करने के लिए खुद को उड़ा लिया। रूसी टैंकों को रोकने के लिए उसके बलिदान की अब यूक्रेनी सेना द्वारा प्रशंसा की जा रही है। सैनिक का नाम विटाली स्काकुन वोलोडिमिरोविच है।
मिली जानकारी के अनुसार ये सैनिक, रूसी टैकों को रोकने के लिए पुल में बम लगा रहा था। इसी बीच रूस की सेना की टैकों का एक दस्ता वहां पहुंच गया। यूक्रेनी सैनिक बम लगा चुका था, लेकिन इतना समय नहीं था कि वो वहां से निकलकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचकर पुल को उड़ा सके। इसलिए उसने पुल समेत खुद को भी उड़ा लिया। जिसके बाद रूसी सैनिकों को वहां काफी देर रूकना पड़ गया।
अमेरिका का प्रस्ताव- रूसी सैनिकों के यूक्रेन की राजधानी कीव में घुसने की खबर के बाद अमेरिका ने वहां के राष्ट्रपति को देश से सुरक्षित निकालने का प्रस्ताव दिया था। जिसे राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा- “लड़ाई यहां है, मुझे गोला-बारूद चाहिए, सवारी नहीं। ज़ेलेंस्की को अमेरिकी प्रस्ताव इस खुफिया जानकारी पर आधारित था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन की सरकार को उखाड़ फेंकने और इसे अपने स्वयं के शासन के साथ बदलने के लिए दृढ़ हैं।
वहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने शनिवार को फिर से आश्वासन दिया कि उनकी सेना रूस के सामने सरेंडर नहीं करेगी। वो रूसी आक्रमण का पूरजोर तरीके से जवाब देगी। देश छोड़कर जाने के दावों पर उन्होंने कहा कि हम हथियार नहीं डालने जा रहे हैं। हम अपने देश की रक्षा अंतिम सांस तक करेंगे।