तुर्किए में हुए आतंकी हमले के बाद वहां की सेना ने इराक और सीरिया के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई कर दी है। बताया जा रहा है कि तुर्किए की सेना ने दोनों ही देशों में एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया है। कुल 59 आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया है। ऐसा दावा है कि तुर्किए ने इस कार्रवाई में कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी के दो बड़े मिलिटेंट्स को भी मार गिराया है।

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तुर्किए ने कहां और कैसे की बड़ी स्ट्राइक?

असल में तुर्किए ने कुछ इनपुट मिलने के बाद उत्तरी सीरिया और इराक में हवाई हमले किए। उस कार्रवाई में उसे बड़ी सफलता मिली है। एक तरफ पीकेके के 29 आतंकियों को तो इराक में मारा गया तो वही 18 को सीरिया में मौत के घाट उतारा गया। अब तुर्किए जिसे जवाबी कार्रवाई बता रही है, सीरिया में उसे लेकर विवाद छिड़ गया है। सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्स का कहना है कि तुर्किए के हमले में 12 आम नागरिकों की मौत हुई है।

वैसे समझने वाली बात यह है कि पीकेके के साथ तुर्किए की दुश्मनी काफी पुरानी है। सीरिया और इराक में पहले भी वो ड्रोन अटैक कर चुका है, इसी संगठन को निशाने पर लेने के लिए उसने वो हमले किए हैं। बड़ी बात यह है कि तुर्किए में जो आतंकी हमला हुआ है, उसके लिए वहां की सरकार पीकेके को ही जिम्मेदार मानती है, सामने से किसी ने कोई जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन तुर्किए की नजर में आरोपी सीरिया और इराक में छिपे हुए हैं।

तुर्किए का आतंकी हमला

जानकारी के लिए बता दें कि तुर्किए की राजधानी अंकारा में बड़ा आतंका हमला हुआ था। आतंकियों ने एयरोस्पेस इंडस्ट्री को निशाना बनाया गया। इस हमले में 5 लोगों की मौत हो गई थी, 20 से अधिक घायल हुए। खास बात यह है कि आतंकी हमला करने वालों में एक महिला भी शामिल थी। तुर्किए के पास ऐसे सबूत हैं जो बताते हैं कि हमला पीकेके ने ही किया था।

पीकेके कौन सा संगठन है?

अब पीकेके ग्रुप तुर्किए से कटकर एक अलग देश कुर्दिस्तान की मांग करता है। इस संगठन ने सबसे पहले 1978 में अब्दुल्ला ओकलान को अपने नेता बनाया था। तुर्किए (पूर्व में तुर्की) में हाशिए पर धकेल दिए गए लोगों को राजनीतिक और सांस्कृतिक अधिकार देने के लिए इस संगठन को बनाया गया था। पीकेके समूह का मुख्य लक्ष्य तुर्कीये, सीरिया, इराक और ईरान के कुछ हिस्सों को अलग करके कुर्दों के लिए एक अलग देश बनाना है। यह संगठन अपने शुरुआती समय में लेनिन और मार्क्स की विचारधारा से प्रेरित था।